परिवार का दावा है कि लड़की का रेप किया गया और फिर उसे छत से धक्का देकर मार दिया गया। घटना के तीन दिन बाद गुरुवार को परिजनों और स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतरकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आगजनी, जाम और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारों का दौर चला। मामला लगातार गरमाता जा रहा है, और अब न्याय की मांग तेज हो गई है।
घटना की जानकारी देते हुए मृतक लड़की के भाई ने बताया, “हमारी बहन का रेप हुआ और फिर उसे अपार्टमेंट की छत से फेंक दिया गया। पुलिस जांच में लापरवाही बरत रही है। हम आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी और न्याय की मांग करते हैं। यह मामला हमारे गृह मंत्री सम्राट चौधरी तक पहुंचना चाहिए।” परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने शुरुआती जांच में लड़की को मानसिक रूप से अस्थिर बताकर मामला दबाने की कोशिश की, जबकि अपार्टमेंट की छत पर उसके चप्पल मिलने से संदेह और गहरा गया है। परिजनों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप के निशान मिले हैं, लेकिन पुलिस अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही।
कदमकुआं थाना क्षेत्र के नाला रोड पर प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया। गुस्साए लोग टायर जलाकर आग लगाते नजर आए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। स्थानीय निवासियों ने पुलिस प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रदर्शन के दौरान नारे लगे, “न्याय दो, न्याय दो!” और “पुलिस हाय-हाय!” एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारी बेटी की जान गई, लेकिन दोषियों को सजा कब मिलेगी? सरकार सो रही है क्या?”
पुलिस ने मामले को आत्महत्या करार दिया है, लेकिन परिवार के विरोध के बाद कदमकुआं थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी जांच की निगरानी कर रहे हैं, लेकिन परिजनों का भरोसा पुलिस पर कम होता जा रहा है। यह घटना बिहार में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की पृष्ठभूमि में और भी गंभीर हो जाती है। हाल ही में राज्य में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां नाबालिगों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने भी मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी संज्ञान लेने का संकेत दिया है। फिलहाल, पटना प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन तनाव बरकरार है। परिजन न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं। यह मामला न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

