Mathura News: वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक और गौरी गोपाल आश्रम के संस्थापक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में छाये हुए हैं। इस बार उनके निशाने पर थीं अविवाहित लड़कियों की शादी की उम्र, जिस पर उनकी टिप्पणी ने समाज के विभिन्न वर्गों में आक्रोश पैदा कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि “25 साल की उम्र तक लड़कियां पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं और उनकी जवानी उड़ जाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि “14 साल की उम्र में शादी कर देने से लड़कियां परिवार में घुल-मिल जाती हैं, लेकिन 25 साल की उम्र तक वो चार जगह मुंह मार चुकी होती हैं।” इस बयान को कई लोगों ने महिलाओं के प्रति अपमानजनक और रूढ़िगत माना, जिसके बाद मथुरा में सड़कों और सोशल मीडिया पर विरोध का सिलसिला शुरू हो गया।
महिलाओं और सामाजिक संगठनों में रोष
अनिरुद्धाचार्य के इस बयान ने मथुरा में महिला अधिवक्ताओं, सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। मथुरा बार एसोसिएशन की महिला वकीलों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया और अनिरुद्धाचार्य का पुतला फूंका। बार एसोसिएशन की अधिवक्ता प्रियदर्शनी मिश्रा ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने की मांग की, इसे “यौनाचार की श्रेणी में आने वाला बयान” करार दिया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की प्रदेश अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “ऐसे बयान आध्यात्मिक व्यक्ति को शोभा नहीं देते।” श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर केस के याचिकाकर्ता पंडित दिनेश फलाहारी ने भी इस टिप्पणी की निंदा की और सार्वजनिक माफी की मांग की।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर भी अनिरुद्धाचार्य की टिप्पणी की जमकर आलोचना हुई। समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने वीडियो शेयर कर महिला आयोग और यूपी पुलिस से कार्रवाई की मांग की। शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा, “ऐसी अभद्र भाषा का उपयोग करने वालों को माफी मांगनी चाहिए और महिलाओं को इस मंच पर अपनी आवाज उठानी चाहिए।” एक यूजर ने लिखा, “ये लोग समाज सुधारक बनते हैं, लेकिन ऐसी सोच हमारी बहन-बेटियों का अपमान है।”
अनिरुद्धाचार्य ने मांगी माफी
बढ़ते विवाद और विरोध प्रदर्शनों के बाद अनिरुद्धाचार्य ने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। मैं नारी का अपमान नहीं कर सकता।” उन्होंने यह भी दावा किया कि वायरल वीडियो में कुछ शब्दों को हटाकर अर्थ का अनर्थ किया गया और यह AI द्वारा बनाया गया हो सकता है। हालांकि, उनकी माफी के बाद भी कई संगठनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। महिला अधिवक्ताओं ने मथुरा के एसएसपी श्लोक कुमार को शिकायती पत्र सौंपकर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की।
पहले भी विवादों में रहे हैं अनिरुद्धाचार्य
यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य अपने बयानों के कारण विवादों में घिरे हैं। 2022 में उन्होंने महिलाओं की सुंदरता पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि “अत्यधिक सुंदरता महिलाओं के लिए दोष है।” 2024 में भगवान शिव को “कृष्ण का साला” कहने पर भी उन्हें संत समाज के विरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। उनकी हास्यपूर्ण टिप्पणियां, जैसे बिस्किट को “विस-की-किट” कहना, उन्हें सोशल मीडिया पर मीम सनसनी बनाती हैं, लेकिन उनकी महिलाओं और धार्मिक विषयों पर टिप्पणियां अक्सर लैंगिक भेदभाव और रूढ़ियों को बढ़ावा देने का आरोप झेलती हैं।
कानूनी कार्रवाई की मांग
महिला संगठनों और अधिवक्ताओं ने अनिरुद्धाचार्य के बयान को न केवल लैंगिक रूप से असंवेदनशील बल्कि कानून के खिलाफ बताया, क्योंकि भारत में बाल विवाह गैरकानूनी है और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष है। मथुरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा, “ऐसे बयान समाज में जहरीली मानसिकता फैलाते हैं। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक कार्रवाई की पुष्टि नहीं हुई है।

