Noida Authority: ईडी और सीबीआई लगातार देश भर में अलग अलग संस्थानों और व्यक्तियों पर शिकंजा कस रही है। खासतौर से उन लोगों पर जो मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित हो सकते हैं या फिर उनका नाम आया है। इसके अलावा सरकारी अफसरों पर भी लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से नोएडा में ईडी की कार्रवाई देखने को मिल रही है। सुपरटेक और एम3एम जैसे बिल्डर पर ईडी ने शिकंजा कसा। अब बारी नोएडा प्राधिकरण के रिटायर्ड और मौजूदा अधिकारियों की है। जिस तरह से पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह पर शिकंजा कसा जा रहा है उससे अन्य अफसर काफी सतर्क हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ईडी के निशाने पर प्राधिकरण के रिटायर्ड अधिकारियों के साथ साथ यहाँ से तबादला हो चुकें मौजूदा अफसर भी शामिल है ईडी अब प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रहा है, ताकि भ्रष्टाचार की पोल खुले और पता चले कि कितने बड़े पैमाने पर कैश इधर उधर होता है। ये खबर प्राधिकरण के कुछ अफसरों के कानों तक पहुँच चुकी है। इसीलिए उन्होंने अपना दूसरा रुख अख्तियार कर लिया है देखना होगा कि आने वाले टाइम में ईडी के जाल में कितने अधिकारियों और कर्मचारी फंसते हैं, क्योंकि किस तरह से बिल्डर और कई अन्य औद्योगिक घरानों को भूखण्ड रेवड़ी की तरह अलॉट किए गए उसे एक आम आदमी का हित प्रभावित होता है।
संपत्ति का भी ब्यौरा आप में ले रहे अफसर
बता दें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति और आय व्यय का ब्यौरा देना होगा, लेकिन लाखों की तादाद में कर्मचारियों ब्योरा नहीं दिया। ऐसा ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में देखने को मिला है। यहां भी अपनी संपत्ति का ब्योरा देने की बजाय अफसर कन्नी काटते दिख रहे।
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