एमबीबीएस छात्रों को महताब अहमद का समर्थन, बढ़ी फीस का कर रहे हैं विरोध 

पीसीसी सदस्य महताब अहमद ने  शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वहां धरने पर बैठे छात्रों को अपना व कांग्रेस पार्टी का समर्थन दिया, बता दें की हरियाणा सरकार ने सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस को बढाकर 40 लाख कर दिया है। महताब अहमद ने कहा की इन छात्रों का कसूर सिर्फ ये है कि इन्होने गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों में पैदा होकर डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा था, जो फीस हुड्डा सरकार के दौरान MBBS की 20,000 थी उसे खट्टर सरकार ने बढ़ा 40 लाख कर दिया है। आखिर छात्रों के मां-बाप इतने पैसे कहां से लाए?
महताब अहमद ने कहा की छात्रों की मांग है की इस बांड रूपी फीस को 40 लाख रूपये करके प्रदेश सर्कार गरीबों को ठेंगा दिखा रही है क्यूंकि गरीबों के बच्चें इतना फीस नहीं इकट्ठा कर सकते हैं और वो पढाई से महरूम हो जायँगे। ऐसा करना बीजेपी जजपा सरकार की गरीब विरोधी मानशिकता को दर्शाता है।
महताब अहमद का कहना है कि बांड नीति के तहत एमबीबीएस के कोर्स की फीस बढ़ा दी गई है। अब एमबीबीएस करने वाले छात्रों को हर साल 9 लाख 20 हजार रुपये जमा करवाने होंगे। इसके साथ 80 हजार रुपये फीस भी जमा करानी होगी। ऐसे में हर साल छात्रों को 10 लाख रुपये कॉलेज में जमा कराने होंगे। 4 साल के कोर्स में एमबीबीएस के छात्रों को 40 लाख रुपये की फीस जमा करानी होगी। जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह एमबीबीएस का कोर्स नहीं कर पाएंगे। जिससे बांड नीति के खिलाफ एमबीबीएस छात्र छात्राओं में रोष है। छात्राओं ने सरकार से मांग की है कि बांड नीति को वापस लिया जाए, ताकि छात्र एमबीबीएस का कोर्स आसानी से कर सके।
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