MahaKumbh: अमृत स्नान का अद्भुत नजारा, मकर संक्रांति पर 1 करोड़ लोगों ने किया स्नान

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MahaKumbh: पौष पूर्णिमा पर शुरू हुए महाकुंभ 2025 में आज पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) चल रहा है। मकर संक्रांति के पर्व पर कई अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगा ली है, महाकुंभ के अमृत स्नान में सबसे पहले महानिर्वाणी के नागा साधुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। संगम तट पर अमृत स्नान का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। हर-हर महादेव, जय श्रीराम के जयघोष करते हुए श्रद्धालु भी आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ‘स्नान’ क्षेत्र की ओर जाने वाले अखाड़ा मार्ग पर कड़ी सुरक्षा है। पुलिस, पीएसी, अखाड़ों के साथ घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

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पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद अब मंगलवार को महाकुंभ का महास्नान शुरू हो चुका है। महाकुंभ मेला प्रशासन की तरफ से पूर्व की मान्यताओं का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। महानिर्वाणी अखाड़े के अमृत साधु-संत स्नान के लिए जा रहे हैं। सुबह आठ बजकर 30 मिनट तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। नियमों का अनुशरण करते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को अमृत स्नान में स्नान क्रम भी जारी किया गया है।

MahaKumbh: प्रथम अमृत स्नान पर सीएम योगी ने दी बधाई
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर महाकुंभ की तस्वीरें साझा की हैं और लिखा कि यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज आस्था के महापर्व ‘मकर संक्रांति’ के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई।

महानिर्वाणी अखाड़ा ने सबसे पहले किया अमृत स्नान
मकर संक्रांति पर श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने सबसे पहले अमृत स्नान किया। जिसके साथ श्रीशंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने अमृत स्नान किया। दूसरे स्थान पर श्रीतपोनिधि पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा एवं श्रीपंचायती अखाड़ा आनंद अमृत स्नान किया।

नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा देखने उमड़े श्रद्धालु
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।

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MahaKumbh: हर तरफ हर-हर गंगे का उद्घोष
प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा है। कोई हनुमान चालीसा पाठ करता हुआ आगे बढ़ रहा है तो कोई हर-हर गंगे के जय उद्घोष के साथ संगम की ओर बढ़ रहा है। कंपकंपाती ठंड के बीच संगम में डुबकी लगाने के लिए लोग कई-कई किमी पैदल चलकर घाट तक पहुंच रहे हैं।

विदेशियों की भागीदारी भी विशेष
महाकुंभ मेले में आए विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी भी विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया व एशिया के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति व आध्यात्मिकता से अभिभूत हो रहे हैं। गंगा किनारे योग, ध्यान और सत्संग में शामिल होकर वे आत्मशांति महसूस कर रहे हैं।

144 वर्षों की प्रतीक्षा, अनन्य आस्था, अगाध भक्ति, हर्ष-उमंग और भावनाओं के उमड़ते ज्वार के बीच महाकुंभ लाखों श्रद्धालुओं के जप-तप और पुण्य-मोक्ष का मार्ग बनने के साथ ही एकता के सूत्र में पिरोने वाला माध्यम बन गया। मानवता के इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षी बनने, पुण्यों को साकार करने और मानव सभ्यता के सबसे बड़े विलक्षण क्षण का साक्षी बनने की होड़ नजर आई।

सियाराम जय राम, जय जय राम। गंगा मैया की जय। बोलो बजरंग बली की जय। ऐसे जयकारे महाकुंभ के मेला क्षेत्र में हर तरफ गूंज रहे हैं। अपनी आस्था के अनुसार जय-जयकार कर रहे हैं। कहीं साधुओं की टोली ढोलक की थाप पर रामधुन गा रही है, तो कहीं मंजीरे के साथ साधुओं की टोली भजन सुना रही है। लोग इन्हें अपनी आस्था के अनुसार दान भी कर रहे थे।

Maha Kumbh: पौष पूर्णिमा से पहले ही संगम पहुंचकर लाखों श्रद्धालुओं ने किया महास्नान

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