माफिया रवि काना के साथी महकी नागर का कोर्ट में सरेंडर पुलिस की लापरवाही या कुछ ओर… पुलिस का खुफिया तंत्र फेल!
एक कहावत है कि जिसे ढूढा गली गली वो मिला पिछवाड़े वाली गली। ये कहावत ग्रेटर नोएडा पुलिस और माफिया रवि काना पर स्टीक बैठती है। दरअसल, गैंग रेप और गैंगस्टर एक्ट में वांटेड स्क्रैप माफिया रवि काना का साथी महकी नगर कोर्ट पहुंचता है खुद को सिरेंडर कर देता है। पुलिस को इस बात की भक तक नही। पुलिस रवि और उसके साथियों को हर जगह ढूढा जा रहा फरार चल रहे महकी पर नोएडा पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था और उसे भगोड़ा भी घोषित किया हुआ था।
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बता दें कि जिले का स्क्रैप माफिया रवि काना, राजकुमार, महकी नागर, आजाद व विकास के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-39 में युवती के साथ गैंग रेप व एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज है। युवती का आरोप है कि रवि काना व उसके साथियों ने नौकरी देने के बहाने उसे जीआईपी मॉल की पार्किंग में बुलाया था। वहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इस मामले में पुलिस ने राजकुमार, विकास व आजाद को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मुख्य आरोपी स्क्रैप माफिया रवि काना व महकी फरार चल रहा था। दोनों के खिलाफ कोर्ट ने 11 जनवरी को गैर जमानती वारंट भी जारी किया था और 23 जनवरी को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई की गई थी।
पुलिस ने दो दिन पहले ही माफिया रवि काना व उसके साथी महकी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया था। इससे पहले कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया था। मंगलवार को अचानक महकी पुलिस से बचते हुए अपने वकीलों के माध्यम से सूरजपुर कोर्ट पहुंचा और वहां आत्म समर्पण कर दिया। नोएडा जोन के डीसीपी विद्यासागर मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है।
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सवालों के घेरे में पुलिस कार्यशैली
स्क्रैप माफिया रवि काना और उससे जुड़े मामले को नोएडा कमिश्नरेट पुलिस प्राथमिकता के आधार पर देख रही थी। इस पर कमिश्नरेट के बड़े पुलिस अफसरों की नजर थी लेकिन पुलिस के आंख में धूल झोंकते हुए महकी ने जिस तरह कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है। इस मामले की जांच में जुटी स्थानीय पुलिस को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं। ये भी कहा जा रहा है कि पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है।