Loksabha Election: पहले चरण में कम मतदान होने का सबसे बड़ा कारण ये हैं…
Loksabha Election: लोकतंत्र के पर्व यानी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान का ट्रेंड बता रहा है कि लोग अब वोट डालने में दिलचस्पी नहीं रहे ऐसा इसलिए कह रहे हैं इन सीटों पर 5-8 प्रतिशत मतदान कम हुआ है जिसतरह से पहले चरण में धीमी गति से मतदान हुआ उससे लग रहा है की एक ऐसा वर्ग है जो चाहता तो सरकार में बहुत से लोगों को है मगर अब वो समझ नहीं पा रहा है कि वोट किसको दे पहले चरण में सहारनपुर में सबसे अधिक मतदान हुआ जबकि सबसे कम मतदान रामपुर में देखने को मिला है रामपुर और सहारनपुर की दोनों सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक बना हुआ कैराना में वोट पीएम मोदी के नाम पर दिल गई है लोगो ने प्रत्याशी को निष्क्रिय बताया सपा कांग्रेस गठबंधन से चुनावी मैदान में इकरा हसन चुनाव जीत पाए या नहीं वो अलग बात है लेकिन उन्होंने क्षेत्रवासियों का दिल जीत लिया हालांकि वोट लेने के मामले में भी इकरा हसन पीछे नहीं है मुजफ्फरनगर बिजनौर नगीना मुरादाबाद पीलीभित वे भी मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ है नगीना लोकसभा सीट पर भीम आर्मी कि संयोजक चंद्रशेखर भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को कड़ा मुकाबला देते नजर आए खैर मतदान प्रतिशत काम क्यों हुआ है इस पर सोच विचार करने की बेहद जरूरत है।
यह भी पढ़े : UP Top News: बसपा की छठी सूची में नौ नये नाम, दो के नाम बदले
आठ सीटों पर 57.71 प्रतिशत हुआ मतदान
उत्तर प्रदेश की आठ विधानसभा सीटों पर कुल 57.71 प्रतिशत मतदान हुआ। मुरादाबाद में 57.83ः, बिजनौर में 54.68ः, कैराना में 59.11ः, नगीना में 58.85ः, मुजफ्फरनगर में 54.91ः, सहारनपुर में 63.29ः, रामपुर में 52.42ः और पीलीभीत में 60.23ः मतदान हुआ है। सभी सीटों पर करीब 5-8 प्रतिशत मतदान कम हुआ है इससे इंडिया गठबंधन को नुकसान पहुंचेगा या फिर एनडीए को ये तो 4 जून को ही पता चल पाएगा इतना जरूर है कई क्षेत्रों में जो लोग भाजपा को वोट डालना चाहते थे उन्होंने अपना विरोध वोट डालकर दर्ज कराया है ठाकुर समाज ने कई स्थानों पर जो कहा वो किया वाली नीती अपनाई है 2019 लोकसभा चुनाव में जितना वोट प्रतिशत था उससे कॉम इस बार देखने को मिला है