Lok Sabha Speaker Election: नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आज सुबह 11 बजे चुनाव होना है। लोकसभा में सभी सदस्य वोट करेंगे। वहीं, दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए भाजपा सांसद ओम बिरला और कांग्रेस सांसद के सुरेश ने मंगलवार को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन (Lok Sabha Speaker Election) दाखिल किया है। कांग्रेस सदस्य कोडिकुनिल सुरेश को एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ विपक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है. स्वतंत्र भारत में लोकसभा स्पीकर पद के लिए केवल तीन बार 1952, 1967 और 1976 में चुनाव हुए. वर्ष 1952 में कांग्रेस सदस्य जी वी मावलंकर को लोकसभा स्पीकर के रूप में चुना गया था. लोकसभा स्पीकर पद पर चयन को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई, जिस वजह से चुनाव की नौबत आ गई. केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार के गठन के बाद सरकार और विपक्ष के बीच यह पहला शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है. इसलिए बीजेपी के रणनीतिकार अपने उम्मीदवार ओम बिरला को ज्यादा से ज्यादा सांसदों के समर्थन के साथ बड़ी जीत दिलवाने के मिशन में जुट गए हैं और इसकी कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं संभाल ली है.
Lok Sabha Speaker Election:
ऐसे होता है लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव
लोकसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को सदन में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से चुना जाता है। साधारण बहुमत का मतलब ये है कि सदन में उस वक्त जितने सांसद मौजूद होंगे उनमें 50 फीसदी से ज्यादा वोट जिसे मिलेंगे वो लोकसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर चुन लिया जाता है।
मौजूदा परिस्थिति में लोकसभा में 542 सांसद हैं। राहुल गांधी एक सीट वायनाड से अपना इस्तीफा दे चुके हैं तो उसपर उपचुनाव बाकी है। ऐसे में 542 सीटों में से 293 सीटें एनडीए के पास हैं। वहीं, 542 का आधा 271 होता है। इस तरह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास सदन में बहुमत है और उसे अपनी पसंद का अध्यक्ष चुनने में कोई कठिनाई नहीं होने की संभावना है। लेकिन INDIA ब्लॉक के लिए यह आसान काम नहीं होगा क्योंकि उन्हें चुनाव जीतने के लिए 271 वोटों की आवश्यकता होगी। जहां तक संख्या की बात है, एनडीए के पास लोकसभा में 293 सदस्य हैं, जबकि इंडिया ब्लॉक के पास 233 हैं।
राजनाथ सिंह के कार्यालय में हुई बैठक रही विफल
राजनाथ सिंह के कार्यालय में बैठक के दौरान, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने ओम बिरला को निर्विरोध फिर से निर्वाचित करने के बदले में विपक्ष को उपसभापति पद का तत्काल आश्वासन मांगा। हालांकि, यह स्वीकार्य नहीं था क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए कोई सशर्त समर्थन नहीं चाहता था। बैठक में मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि उपसभापति पद पर चर्चा बाद में होगी और विपक्ष से परामर्श किया जाएगा। हालांकि, केसी वेणुगोपाल अड़े रहे और वार्ता विफल हो गई।
सात सांसद नहीं कर पाएंगे मतदान
वहीं, सात सांसद ऐसे हैं जिन्हें अभी लोकसभा में शपथ लेनी है, जिनमें INDIA ब्लॉक के पांच सांसद शामिल हैं और NDA के दो। सूत्रों के अनुसार, स्पीकर के चुनाव के बाद उन्हें शपथ दिलाई जाएगी। नतीजतन, ये सात सांसद लोकसभा अध्यक्ष चुनाव में मतदान नहीं कर पाएंगे।
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