लोकसभा चुनाव-2024ः सीटो के बटवारे में कौन होगा सर्वेसर्वा

लोकसभा चुनाव-2024 होने में अभी करीब करीब 10 महीने का समय बचा है। लेकिन कानपुर की लोकसभा सीट के लिए भाजपा में गुटबाजी के बीच बिसात बिछनी शुरू हो गई है। यहां से चुनाव लड़ने के लिए कई नेता अभी से मशक्कत कर रहे हैं। लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इन सबसे आगे हैं।

यही कारण है कि बीते 6 महीने से ब्रजेश पाठक लगातार शहर का दौरा कर रहे हैं। यहां तक कि वह विकास कार्यों की बैठकों में सबसे ज्यादा शामिल हुए हैं। सतीश महाना भी पूरी तरह से सक्रिय हैं। हालांकि उनके गुट और सत्यदेव पचैरी गुट के समर्थकों की आपस में बन नहीं रही है। इसकी वजह से दोनों नेता एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। इसी कारण वर्तमान सांसद सत्यदेव पचैरी का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। वैसे भी उनकी उम्र 75 साल के पार हो चुकी है और भाजपा की पॉलिसी के हिसाब से 75 साल से ज्यादा उम्र के नेता चुनाव नहीं लड़ सकते।

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यूपी विधाना सभा स्पीकर सतीश महाना छावनी और महाराजपुर सीट से 8वीं बार विधायक रहे हैं। प्रदेश में साल 2017 से 22 के कार्यकाल में औद्योगिक विकास मंत्री बने थे। लेकिन, इस बार उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाकर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, सतीश महाना इस पद के लिए राजी नहीं थे। अब राजनैतिक पावर वापस पाने के लिए वह लोकसभा का राह देख रहे हैं। निकाय चुनाव में सांसद सत्यदेव पचैरी ने अपनी बेटी के लिए मेयर पद के लिए दावा ठोका था। मगर, महाना ने अपनी प्रतिष्ठा लगाते हुए न सिर्फ प्रमिला पांडेय को टिकट दिलाया, बल्कि पूरा चुनावी कैंपेन अपने हाथ में लेकर पूरा चुनाव भी लड़ाया। अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी उन्होंने प्रचार के आखिरी दिन तक प्रचार किया।

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