LokSabha Election: उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अपनी एक सूचि जारी कर दी है। जिसमें ज्यादातर सांसदों मंत्रियों को रीपिट किया गया है। भाजपा ने पहले चरण में 51 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। बची सीटों पर आज को मंथन होने वाला है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के 7 बड़े भाजपा सांसदों का टिकट कट सकता है। हालांकि कुछ अन्य सीटों पर भी टिकटों के कटने की चर्चा हो रही है। जिन 7 सांसदों के टिकट काटने की बात हो रही है, उनमें कुछ विवादित नेता भी हैं, इतना ही नही कुछ संन्यास भी ले सकते हैं। दरअसल भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में आज उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के बड़े नेताओं के नाम पर फैसला होना है। चर्चा इस बात की भी है कि कुछ राज्यों के सांसद जो मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं, उनका टिकट भी कट सकता है। जबकि कुछ राज्यों के मंत्रियों और विधायकों को सियासी मैदान में दूसरे चरण की लिस्ट में जगह मिलने की संभावनाएं हैं। अनुमान है कि गुरुवार या शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की दूसरी लिस्ट भी जारी हो जाएगी।
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LokSabha Election:
भाजपा की बुधवार से होने वाली कोर कमेटी की बैठक में कई महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशियों के चयन का फैसला होना है। उत्तर प्रदेश समेत देश के बाकी राज्यों के सियासी नजरिए से भी यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद अभी कई महत्वपूर्ण सीटें बाकी हैं। सूत्रों की मानें, तो इनमें से सात सीटें ऐसी हैं जिन पर प्रत्याशियों के टिकट कटने की सबसे ज्यादा सुगबुगाहट है। इसमें सुल्तानपुर से मेनका गांधी, पीलीभीत से वरुण गांधी, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्या, गाजियाबाद के सांसद डॉ. (जनरल) वीके सिंह, प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी और बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का नाम शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार इन सात सीटों के अलावा बची हुई कुछ अन्य सीटों पर भी टिकटो में बड़े फेरबदल हो सकते हैं।
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सूत्र बताते है कि जिन 7 सीटों पर टिकट बदलने की चर्चा हो रही है, उसमें कई नेता या तो विवादित रहे हैं या फिर अब वह सियासी संन्यास लेने जा रहे हैं। दरअसल बीते कुछ समय से पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी पार्टी लाइन से हटकर अपना बयान देते आए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वरुण गांधी को पहली लिस्ट में इसीलिए जगह नहीं दी थी। अगली लिस्ट में उनको ड्रॉप किए जाने की इसीलिए संभावनाएं बन रही हैं। जबकि कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर भी संशय बना हुआ है। बृजभूषण शरण सिंह सिंह पहलवानों के मामले में लगातार विवादों में बने रहे। इसके अलावा प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने भी अपने बेटे को सियासी मैदान में उतारने के लिए खुद के संन्यास की घोषणा की थी। माना यही जा रहा है कि इस बार रीता बहुगुणा जोशी का टिकट कट सकता है। इसी तरह बदायूं की सांसद और स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य के टिकट पर भी संकट के बादल छाए हैं। उनके पिता ने सपा में जाकर सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधा था। अब सपा से भी बाहर निकल चुके है।