LokSabha Election: बसपा से टिकट कटने के बाद अब धनन्जय सिंह ने भाजपा को दिया समर्थन, जानें पर्दे के पीछे की कहानी
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LokSabha Election: बसपा से टिकट कटने के बाद अब धनन्जय सिंह ने भाजपा को दिया समर्थन, जानें पर्दे के पीछे की कहानी

जोनपुर के पूर्व सांसद धनन्जय सिंह ने न न कहते कहते हुए भी भाजपा को समर्थन दे दिया। समर्थन देने के पीछे कई कारणों की चर्चाएं हो रही है। पूरी खबर पढते रहिए तो भाजपा को समर्थन देने की कहानी समझ जाएंगे। आज यानी मंगलवार को धनन्जय सिंह ने अपने समर्थकों संग बैठक में चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की। देर शाम क्षेत्र के शेरवा स्थित आझू राय इंटर कालेज पर आयोजित जन बैठक में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने पहले समर्थकों से उनकी राय जानी और अंतिम में अपनी बात रखी। उन्होंने बड़ी संख्या में उपस्थित समर्थकों को बताया कि उनके साथ यह पहली बार नहीं हुआ है। वे 2002 से सत्ता पक्ष का विरोध झेल रहे हैं। टिकट कटने पर साथीगण आहत थे लेकिन यह सब राजनीत का संग है। राजनीति में हमेशा पक्ष और विपक्ष रहा है। सदन में भी किसी फैसले पर या तो हम पक्ष में वोट करते हैं या विपक्ष में। यहां तटस्थ रहने की स्थिति नहीं होती।

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चर्चाएं है कि धनन्जय सिंह ने खुद को कई केसों से बचाने के लिए खुद ही बसपा का टिकट लौटाया। इससे पहले बसपा के कई नेताओं ने भी यही बात कही थी। धनन्जय सिंह ने कहा था कि उनकी पत्नी का टिकट काटा गया है। आखिरी वक्त पर मायावती ने यही फैसला लिया।
धनन्जय सिंह अब मोदी व योगी सरकार की तारीफ करते हुए बोल रहे है कि दोनो जगह बहुत ही मजबूत अच्छी और पारदर्शी निर्णय लेने वाली सरकार काम कर रही है। विगत 10 वर्षों में सरकार ने सर्व साधारण के कल्याण के लिए अच्छे निर्णय लिए हैं। विदेशों में भी देश का गौरव बढा है। उन्होंने कहा कि अब वे चुनाव से हट गए हैं लेकिन आप देखे की कौन कौन यहाँ से चुनाव में प्रत्याशी है।
लोगो से पार्टी के नाम के साथ उम्मीदवारों के नाम भी पूछे इस पर कुछ लोग अनमने से दिखे। अंततः उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह के पक्ष में खुला समर्थन देते हुए उन्हें वोट देकर विजयी बनाने की अपील किया। उनकी इस घोषणा पर वहाँ जय श्रीराम के नारे लगने लगे। चर्चाएं है कि धनन्जय सिंह का जमानत पर बाहर आना चुनावी मैदान से दूर रहना शर्त हो सकती है। ज बवे जेल से बाहर आए तब भी ऐसी चर्चाएं काफी जोर पकड़ रही थी। असली कहानी ऐसी भी हो सकती है।

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