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स्वयं सहायता समूहों को अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दिया जा रहा भरपूर प्रोत्साहन
Livelihood Mission: लखनऊ। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों व क्रियाकलापों को बढ़ावा देने व उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। इन प्रयासों से स्वयं सहायता समूहों की आमदनी में और अधिक इजाफा होगा तथा ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी होने के साथ-साथ अपने परिवार को आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक रूप से समृद्ध व सक्षम बनाने में सफल होंगी। इसी के तहत रिवॉल्विंग फण्ड व सामुदायिक निवेश निधि दोगुनी कर दी गई है। यह बातें गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कही।
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उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2024-25 से सभी योग्य स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड के अंतर्गत 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार तथा सामुदायिक निवेश निधि के अंतर्गत 1 लाख 10 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपया कर दिया गया है। धनराशि बढ़ाये जाने से न केवल समूहों के क्रियाकलापों की गति तेज होगी, बल्कि समूहों की दीदियों का समाज में सम्मान भी बढ़ेगा।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि इसका अनुमोदन विगत दिनों राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश स्तर की 20वीं शासी निकाय की बैठक में प्रदान किया जा चुका है। समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड व सामुदायिक निवेश निधि जारी करने के लिए जिलाधिकारियों को जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि इस संबंध में निर्धारित शर्तों व भारत सरकार की गाइड लाइन का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन दीपा रंजन ने जिलाधिकारियों को परिपत्र जारी करते हुए कहा कि आर.एफ. व सी.आई.एफ. पात्र समूह की लोन कमेटी मीटिंग करवाने के उपरान्त फण्ड डिस्बर्समेन्ट माड्यूल के माध्यम से मांग किया जायेगा। समस्त समूहों का खाता सत्यापन करवाकर सभी शर्तों व नियमों का पालन करते हुए फण्ड निर्गत किया जाना है।
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