स्लीपर बस बनी आग का गोला, पुलिसकर्मियों की बहादुरी से बची यात्रियों की जान

National Highway 19/Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया, जब नेशनल हाईवे-19 पर रामा देवी चौराहे के पास दिल्ली से वाराणसी जा रही एक लग्जरी डबल-डेकर स्लीपर बस अचानक आग की लपटों में लिपट गई। बस में सवार 35-43 यात्रियों को बचाने के लिए दो पुलिसकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर जलती बस में घुसकर एक-एक को बाहर निकाला। यात्रियों का कहना है कि दो मिनट की देरी होती तो कई लोग जिंदा जल जाते। आग इतनी भयावह थी कि बस पूरी तरह जलकर राख हो गई, जबकि लाखों रुपये का सामान खाक हो गया।

घटना सुबह करीब 7 बजे की है। पलक ट्रैवल्स की इस डबल-डेकर स्लीपर बस में दिल्ली से वाराणसी रूट पर करीब 40 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। बस नौबस्ता से रामा देवी की ओर जा रही थी, तभी शॉर्ट सर्किट की वजह से इंजन से आग की चिंगारियां उड़ने लगीं। कुछ ही सेकंडों में आग ने पूरे वाहन को घेर लिया। ड्राइवर और कंडक्टर ने बस को सड़क किनारे रोका और खुद भाग निकले, लेकिन कई यात्री सोए हुए थे और दरवाजे-खिड़कियां जाम हो चुकी थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस की छत पर लदे ओवरलोड सामान (प्लास्टिक के बोरे, लोहे के बॉक्स और ज्वलनशील सामग्री) ने आग को और भड़का दिया। कुछ पुरुष यात्री खिड़कियों से कूदकर नीचे आए, लेकिन महिलाएं और बच्चे फंस गए। चीख-पुकार मचने पर राहगीरों ने तुरंत चकेरी थाने और ट्रैफिक पुलिस को सूचना दी। रामा देवी चौराहे पर ड्यूटी पर तैनात दो कांस्टेबल, पुष्पेंद्र कुमार और साहिल खान, दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे। बिना किसी हिचकिचाहट के वे धू-धू जल रही बस में घुसे और यात्रियों को बाहर निकालने लगे।

एक यात्री ने बताया, “हम बस के नीचे सो रहे थे। अचानक धुआं और गर्मी ने जगाया। दरवाजा बंद था, आग ऊपर से फैल रही थी। पुलिस वाले चिल्ला रहे थे- ‘सामान छोड़ो, जल्दी बाहर आओ!’ उन्होंने हमें गोद में उठाकर बाहर निकाला। दो मिनट और देरी होती तो हम सब जिंदा जल जाते।” एक महिला यात्री भावना सिंह ने कहा, “मेरा बच्चा अंदर फंस गया था। साहिल जी ने उसे सीढ़ियों से उतारा। ईश्वर का शुक्र है, सब बच गए।”

पुलिसकर्मियों की यह बहादुरी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पूर्वी जोन के डीआईजी ने दोनों को सराहना पत्र देने की घोषणा की है। एसएसपी अनुराग शर्मा ने बताया, “पुष्पेंद्र और साहिल ने असाधारण साहस दिखाया। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड ने एक घंटे की मशक्कत की। ड्राइवर-कंडक्टर के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज कर लिया गया है।” यात्रियों को सुरक्षित जगह पर चाय-पानी उपलब्ध कराया गया और उन्हें दूसरी बस से वाराणसी रवाना किया गया।

हादसे से कानपुर-दिल्ली हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्जन करवाया। जांच में पता चला कि बस में फायर एक्सटिंग्विशर नहीं था और ओवरलोडिंग के कारण आग तेजी से फैली। परिवहन विभाग ने बस ऑपरेटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्लीपर बसों में अग्निशमन यंत्र अनिवार्य होने चाहिए।

यह घटना सड़क परिवहन की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ महीनों में यूपी में कई बस आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस की तत्परता ने आज नया उदाहरण पेश किया। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दोनों पुलिसकर्मियों को सलाम किया, एक पोस्ट में लिखा, “दोनों पुलिस साथियों को मेरा सैल्यूट।”

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