कबड्डी प्रतियोगिता: भारत को खेलों की दुनिया में मजबूत विद्या भारती से करें : गिरीश चंद्र यादव

प्रयागराज। kabaddi competition: विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित 34वीं क्षेत्रीय कबड्डी प्रतियोगिता का उद्घाटन शनिवार को ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज सिविल लाइन्स में हुआ। राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि यदि भारत को खेलों की दुनिया में मजबूत करना है तो उसकी शुरूआत यहीं से करनी होगी। उन्होंने कहा कि संस्कारयुक्त माहौल में पले बढ़े ये खिलाड़ी खेल की विविध विधाओं में न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अपितु अन्तरराष्ट्रीय पटल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहेंगे।

बतौर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री ने बताया कि खेल प्रोत्साहन में योजनाओं का शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया है, जिसके अंतर्गत विभिन्न सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत का कोटा खिलाड़ियों के लिए रिजर्व किया गया है। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में विद्या भारती द्वारा दिया जा रहा योगदान निश्चित रुप से सराहनीय है।

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विद्या भारती क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचन्द्र ने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। अतः शरीर को स्वस्थ रखने के लिये खेलकूद एवं योगासन की प्रमुख भूमिका होती है। इस दौरान विशिष्ट अतिथि संगठन मंत्री विद्या भारती काशी प्रान्त डॉ राम मनोहर, जगदीश सिंह क्षेत्रीय खेलकूद प्रमुख विद्या भारती पूर्वी उप्र तथा शेषधर द्विवेदी प्रदेश निरीक्षक विद्या भारती काशी प्रान्त उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने अतिथियो का स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम् से स्वागत किया।

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अध्यक्षता करते हुए महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि विद्या भारती शिक्षण संस्थान आज पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रो में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में खेल के क्षेत्र में भी विद्या भारती के छात्र-छात्राएॅ जिला, प्रदेश, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विधाओं में पदक प्राप्त करके न केवल अपने संस्थान का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहीं है। अन्त में विद्यालय के अध्यक्ष च्यवन भार्गव ने सभी लोगो के प्रति आभार ज्ञापित किया। प्रतियोगिता में विद्या भारती पूर्वी उप्र के चारों प्रान्तों (काशी, अवध, गोरक्ष एवं कानपुर) से लगभग 500 भैया-बहन, उनके संरक्षक आचार्य-आचार्या एवं निर्णायक मण्डल के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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