राजेश गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने AAP में 10 साल की मेहनत की, लेकिन आज पार्टी अपनी मूल विचारधारा से पूरी तरह भटक चुकी है। भ्रष्टाचार में डूबी हुई AAP ने ईमानदारी और पारदर्शिता जैसे सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है।
केजरीवाल जी मेरा फोन तक नहीं उठाते, प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज भी बात नहीं करते। मेरी मेहनत को भुला दिया गया।” आंसुओं से गीली आंखों के साथ उन्होंने AAP को “आपदा” करार दिया और कहा कि अब वे BJP के साथ विकास, राष्ट्रवाद और दिल्ली के हितों के लिए काम करेंगे।
BJP नेताओं ने गुप्ता का जोरदार स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “राजेश गुप्ता जैसे ईमानदार नेता का BJP परिवार में आना हमारी ताकत बढ़ाएगा। AAP में ईमानदारी के लिए कोई जगह नहीं बची थी, इसलिए वे परेशान होकर यहां आए। MCD उपचुनाव में दिल्लीवासी BJP को चुनेंगे, जो विकास की गारंटी देगी।” विधायक राजकुमार भाटिया ने भी गुप्ता की सराहना की और कहा कि AAP के पूर्व नेताओं का BJP में शामिल होना पार्टी की लोकप्रियता का प्रमाण है।
यह घटनाक्रम MCD उपचुनाव के मद्देनजर AAP के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। कल होने वाले मतदान में BJP, AAP और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है। गुप्ता वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र से AAP के प्रमुख चेहरे थे, जहां BJP मजबूत स्थिति में है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे दलबदल AAP के वोट बैंक को प्रभावित कर सकते हैं, खासकर तब जब पार्टी पहले से ही आंतरिक कलह और केजरीवाल पर लगे कानूनी मामलों से जूझ रही है।
राजेश गुप्ता का राजनीतिक सफर भी दिलचस्प रहा है। 2013 और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में वे वजीरपुर से AAP के टिकट पर विधायक बने। पार्टी में वे स्वास्थ्य विभाग के संसदीय सचिव भी रहे। लेकिन हाल के वर्षों में पार्टी नेतृत्व से मतभेद बढ़ते गए। BJP नेतृत्व ने गुप्ता को उपचुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने का भरोसा दिलाया है।
दिल्ली की राजनीति में यह ताजा घटनाक्रम AAP के लिए सिरदर्द बन सकता है, जबकि BJP इसे अपनी बढ़ती पकड़ के संकेत के रूप में देख रही है। उपचुनाव के नतीजे 1 दिसंबर को घोषित होंगे, जो दिल्ली सरकार के भविष्य की दिशा तय कर सकते हैं।

