Jharkhand News: बिहार के बॉर्डर से सटे गिरिडीह जिले के भेलवाघाटी में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया है. यह घटना फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क में भेलवाघाटी के डुमरीटोला व कारीपहरी गांव के बीच अरगा नदी की है. यह पुल फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क पर कारीपहरी गांव में अरगा नदी के ऊपर बनाया जा रहा था जो मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया. दरअसल शनिवार की शाम में हुई मूसलाधार बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया था.नदी की तेज बहाव में निर्माणधीन पुल का का पिलर धंस गया जिससे गार्डर टूट कर गिर गया. वहीं एक अन्य पिलर भी टेढ़ा हो गया है. स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक तेज बारिश के दौरान रात करीब आठ बजे एक पाया टेढ़ा हो गया. इसके बाद तेज आवाज के साथ निर्माणाधीन पुल का गार्डर टूट कर नदी में गिर गया.
आवाज इतनी तेज थी कि उसे सुनकर आसपास के घरों में रहने वाले लोग बुरी तरह डर गए. जानकारी के मुताबिक इस पुल का निर्माण पथ निर्माण विभाग द्वारा साढ़े पांच करोड़ की लागत से करवाया जा रहा था. इस पुल को बनाने का ठेका ओम नमः शिवाय नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था.
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जानकारी के मुताबिक पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल गिरिडीह के द्वारा साढ़े पांच करोड़ प्राक्कलित राशि से पुल बनवाया जा रहा था. कार्य ओम नमः शिवाय कंस्ट्रक्शन के द्वारा करवाया जा रहा था. इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त है. लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार के कारण यह घटना घटी है. इस घटना के पीछे जितने संवेदक जिम्मेदार हैं उतनी ही जवाबदेही पथ निर्माण विभाग की भी है. पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों की सीधी लापरवाही के कारण यह घटना घटी है.
इधर इस विषय पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार से बात की गई. इन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण पुल हल्का सा डैमेज हुआ है. अभी वे घटनास्थल पर जा रहे हैं. पूरी जांच होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.
बिहार में 11 दिनों में गिरे पांच पुल
बता दें कि झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में बीते 11 दिनों के अंदर पांच पुल जल समाधि ले चुके हैं. 18 जून को अररिया में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के ऊपर बना रहा पुल ध्वस्त हो गया था. इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया. बताया जाता है कि यह पुल तकरीबन 40-45 साल पुराना था.
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