यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) मेडिकल एक्सीलेंस जापान के अधिकारियों के एक उच्च-स्तरीय दौरे के बाद एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी स्थापित करने के लिए तैयार है, जो इस क्षेत्र को उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जापनी प्रतिनिमंडल प्राधिकरण दफ्तर पहुंचा।
प्रतिनिधि मंडल ने चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित एक समझौता ज्ञापन (MOU) के विवरण को अंतिम रूप देने के लिए यीडा के सीईओ आर.के. सिंह, विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र भाटिया और म्च्ब्डक् के कार्यकारी निदेशक प्रवीण कुमार मित्तल से मुलाकात की।
MEJ और यीडा के बीच प्रस्तावित समझौता ज्ञापन इस क्षेत्र में आगामी चिकित्सा उपकरण पार्क को महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
निवेश को सुविधाजनक बनानारू पार्क के भीतर विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास इकाइयाँ स्थापित करने के लिए अग्रणी जापानी चिकित्सा उपकरण कंपनियों को आकर्षित करना।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सक्षम बनानारू जापानी फर्मों से भारतीय कंपनियों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और तकनीकी जानकारी के हस्तांतरण की पहल।
निर्यात चैनल खोलनारू पार्क में भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए नए निर्यात अवसर पैदा करना, विशेष जापानी स्वास्थ्य सेवा बाजार को लक्षित करना।
यीडा के सीईओ आर.के. सिंह ने कहा
ष्मेडिकल एक्सीलेंस जापान के साथ यह साझेदारी मेडिकल डिवाइस पार्क और श्मेक इन इंडियाश् पहल के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है। यीडा के सीईओ आर.के. सिंह ने कहा, यह एक परिष्कृत स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में तेजी लाएगा, नवाचार को बढ़ावा देगा और हमें एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
आने वाले महीने में MEJ के वरिष्ठ नेतृत्व के दौरे की योजना है, जिसके दौरान समझौता ज्ञापन पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएँगे। इसके तुरंत बाद, प्रमुख जापानी चिकित्सा उपकरण निर्माताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मेडिकल डिवाइस पार्क का दौरा करेगा, स्थानीय भारतीय कंपनियों से मुलाकात करेगा और संयुक्त उद्यमों और सहयोगी विनिर्माण के विशिष्ट अवसरों का पता लगाएगा।
इस रणनीतिक सहयोग से भारत और जापान के बीच एक मजबूत और पारस्परिक रूप से लाभकारी स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होने की उम्मीद है, जिससे उन्नत चिकित्सा विनिर्माण में क्षमताएँ मजबूत होंगी।

