Israel-Hamas War Updates: नहीं रुक रहा इजरायल-फलिस्तीन जंग, युद्ध में लग रही लाशों की ढेर
Israel-Hamas War Updates: इजरायली इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच संघर्ष जारी है। 23 लाख की आबादी वाले गाजा पट्टी में इजरायल की वायु सेना ने जवाबी हमले किए, जिसमें अभी तक 900 लोग मारे जा चुके हैं और 4,600 घायल हुए हैं। मरने वालों में 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं।
Israel-Hamas War Updates:
एएनआई, तेल अवीव (इजरायल)। Israel Palestine War Live: हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद से सबकुछ तबाह हो गया है। 23 लाख की आबादी वाले गाजा पट्टी में इजरायल की वायु सेना ने जवाबी हमले किए, जिसमें अभी तक 900 लोग मारे जा चुके हैं और 4,600 घायल हुए हैं। मरने वालों में 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं।
इजरायल में 900 लोग मारे गए हैं, जबकि 2300 लोग घायल हैं. गाजा पट्टी में 700 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है और 3726 लोग घायल हुए हैं. इजरायल ने दावा किया है कि उसने हमास के 1500 आतंकियो को गाजा पट्टी पर मार गिराया है. इस जंग से हर तरफ बर्बादी का आलम है. घर उजड़ गए हैं और जिंदगियां तबाह हो गई हैं. हमास से लड़ाके क्रूर और निर्दयी तरीके से इजरायलियों को निशाना बना रहे हैं.
इजरायल ने गाजा की पूर्ण घेराबंदी कर दी है, जिसके बाद से भोजन, पानी, ईंधन और जरूरी समानों की सप्लाई भी पूरी तरह से बंद कर दी गई है। गाजा में इजरयाली सैनिक हमास के आतंकियों की तलाशी के लिए छापेमारी कर रही हैं। हमास के हमले में इजरायल के लगभग 1 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है, वहीं कई का अपहरण भी कर लिया गया है। मरने वालों में 156 सैन्यकर्मी भी हैं।
वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को हमास को कड़ी चेतावनी देते हुए एक वीडियो मैसेज जारी किया। इसमें नेतन्याहू ने साफ-साफ एलान कर कहा कि इजरायल ने युद्ध को शुरू नहीं किया है, लेकिन इसे खत्म जरूर करेगा। हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत इजराइल ने 3,00,000 सैनिक जुटाए हैं। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल युद्ध नहीं चाहता था, यह हम पर सबसे क्रूर तरीके से थोपा गया था।
पर ये टू स्टेट थ्योरी क्या है?
टू स्टेट सॉल्यूशन या दो राष्ट्र समाधान का प्रस्ताव सबसे पहले 1937 में आया था. तब ब्रिटिश सरकार में पील कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में ये प्रस्ताव दिया था.
इसमें नेगेव रेगिस्तान, वेस्ट और गाजा पट्टी को अरब लोगों को देने का प्रस्ताव रखा गया था. जबकि, गलीली में ज्यादातर समुद्री तट और फिलिस्तीन की उपजाऊ भूमि यहूदियों को देने की बात थी. येरूशलम ब्रिटिश अपने पास ही रखना चाहते थे. इस प्रस्ताव का यहूदियों ने तो समर्थन किया लेकिन अरबों ने खारिज कर दिया.
1947 में फिर संयुक्त राष्ट्र ने बंटवारे का प्रस्ताव रखा. इसमें तीन-तरफा विभाजन था. येरूशलम को अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण में ही रखने का प्रस्ताव था. जबकि, यहूदियों और अरबों के लिए अलग-अलग मुल्क बनाने की बात थी. इस बार भी यहूदियों ने इसे मान लिया लेकिन अरब नेताओं ने इसका विरोध किया.
1967 के बाद…
14 मई 1948 को इजरायल बना. बनते ही पहला अरब-इजरायल युद्ध शुरू हो गया. सालभर तक चले युद्ध के बाद सीजफायर का ऐलान हुआ.
इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में साल 1967 में टर्निंग प्वॉइंट है. 1967 में छह दिन तक युद्ध चला था. छह दिन की इस जंग में इजरायल ने मिस्र और सीरिया की वायुसेना पर हमला कर दिया था.
इस युद्ध में इजरायल ने सिनाई प्रायद्वीप, गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक, येरूशलम और गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया. इस युद्ध से पहले तक गाजा पट्टी पर मिस्र और वेस्ट बैंक पर जॉर्डन का नियंत्रण था.
इस युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र में एक रिजॉल्यूशन पास किया गया, जिसमें इजरायल से कब्जे वाले इलाके छोड़ने का ऐलान किया गया.
1964 में बनी फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) ने टू स्टेट सॉल्यूशन का हमेशा विरोध किया. हालांकि, 1970 के मध्य में पीएलओ ने इसके समर्थन के संकेत दिए.
1976 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में टू स्टेट सॉल्यूशन पर एक और रिजॉल्यूशन आया. ये 1967 के पहले की सीमा रेखा के आधार पर था. लेकिन अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल कर इसे गिरा दिया. इस प्रस्ताव ने टू स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन किया, साथ ही ये भी कहा कि सीमाओं पर सभी पार्टियों को बातचीत करनी चाहिए.
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