यह घटना ऐसे समय में हुई है जब गाजा में युद्धविराम की संभावना पर चर्चा हो रही है, लेकिन किताब में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भले ही गाजा में संघर्ष रुक जाए, ईरान का इस्राइल को दुनिया के नक्शे से मिटाने का इरादा अभी भी जिंदा है।
कार्यक्रम में पनाहियान ने किताब की सराहना की और इसे खामेनेई तथा उनके पूर्ववर्ती रूहोल्लाह खुमैनी के विचारों का विस्तार बताया। किताब में 7 अक्टूबर के हमलों की प्रशंसा भी की गई है, जिसे ईरान समर्थित हमास द्वारा अंजाम दिया गया था।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, यह अनावरण मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को देश के एक पवित्र स्थल पर हुआ। पनाहियान, जो खामेनेई के कार्यालय से निकटता रखते हैं, ने इस किताब को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताते हुए इस्राइल के खिलाफ ईरान की शत्रुता को दोहराया। किताब में इस्राइल को “जियोनिस्ट शासन” के रूप में संबोधित किया गया है और उसके विनाश के लिए रणनीतिक कदमों का उल्लेख है।
यह विकास ईरान-इस्राइल युद्ध के बाद की स्थिति में तनाव को और बढ़ा सकता है। ईरान ने हमेशा इस्राइल को अपना मुख्य दुश्मन माना है, और खामेनेई के नेतृत्व में ऐसे बयान और प्रकाशन सामान्य रहे हैं। हालांकि, इस किताब का अनावरण गाजा युद्धविराम की पृष्ठभूमि में विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि यह संकेत देता है कि ईरान अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हट रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह किताब ईरान की आंतरिक राजनीति और क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने का हिस्सा हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह मध्य पूर्व में शांति प्रयासों को प्रभावित कर सकती है।

