रुक रुक कर हो रही बारिश, बच्चों में बढा डायरिया का खतरा, जानें डाक्टर की सलाह
नोएडा । हाल के दिनों रुक रुक कर हो रही बारिश से कई प्रकार की बीमारियां बढ रही है। देखा गया है की बच्चों में डायरिया के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। बरसात के मौसम में दूषित पानी और भोजन के कारण बच्चों में डायरिया के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में डायरिया के मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। सेक्टर 137 स्थित फेलिक्स अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ (पीडीअट्रिशन) डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि डायरिया का प्रमुख कारण दूषित पानी, अस्वच्छ खान-पान, और गंदगी है। इसके लक्षणों में बार-बार पतला दस्त होना, पेट दर्द, उल्टी और बुखार शामिल हैं।
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बच्चों में डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) का खतरा सबसे ज्यादा रहता है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। जल्द इलाज और सही देखभाल से बच्चों को डायरिया से बचाया जा सकता है। माता-पिता को सलाह दी है कि वे बच्चों को साफ पानी पिलाएं, बाहर का भोजन करने से बचें, और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। इसके अलावा, घर में ही ओआरएस का घोल तैयार कर बच्चों को दिया जा सकता है ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके। स्कूली बच्चों में बाहर का खाना खाने से डायरिया का खतरा बढ़ सकता है। कई बार बाहर मिलने वाले खाद्य पदार्थों में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता, जिससे उनमें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं। दूषित भोजन या पानी डायरिया का मुख्य कारण होता है, खासकर बरसात के मौसम में। स्कूलों के पास खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे चाट, गोलगप्पे, समोसे आदि, जल्दी दूषित हो जाते हैं। इसके अलावा, बच्चों को कई बार अस्वच्छ हाथों से खाना खिलाया जाता है, जिससे इंफेक्शन का खतरा और बढ़ जाता है। अगर डायरिया के लक्षण दिखें, तो बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाकर सही इलाज कराना चाहिए। डायरिया के कारण शरीर में पानी और लवण की कमी हो जाती है। ओआरएस का घोल बच्चे को पिलाना चाहिए ताकि डिहाइड्रेशन से बचाव हो सके। यह शरीर में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की पूर्ति करता है। डायरिया के दौरान डॉक्टर अक्सर जिंक सप्लीमेंट्स की सलाह देते हैं, जो 10 से 14 दिन तक दिए जा सकते हैं। यह आंतों को स्वस्थ रखने और डायरिया की अवधि को कम करने में मदद करता है।