फ्लैट बेचने के नाम पर सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर और उनकी पत्नी से नौ लाख रुपये ठगे गए है। दंपती ने इंस्पेक्टर को फ्लैट बेचने के नाम पर नौ लाख रुपये ले लिए और पूर्णता प्रमाणपत्र मिलने के बाद बैनामा करने कहा था। अब प्रमाणपत्र मिलने के बाद अब वह बैनामा नहीं कर रहे हैं। इंस्पेक्टर बताया कि उन्होंने फ्लैट में लाखों रुपये का काम भी करा दयिा। इंस्पेक्टर ने मामले में नंदग्राम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
राजनगर एक्सटेंशन निवासी सचिन सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर के पद हैं और उनकी तैनाती दिल्ली हेड क्वार्टर में है। उनका कहना है कि 2020 में वह छत्तीसगढ़ में तैनात थे और उनकी पत्नी और बच्चे दिल्ली में रह रही थे। इस दौरान वह एनसीआर में फ्लैट खरीदने के लिए तलाश रहे थे। इस बीच उनकी मुलाकात राजनगर एक्सटेंशन के प्रदीप से हुई। प्रदीप ने राजनगर एक्सटेंशन में उन्हें फ्लैट दिखाया। इसके बाद प्रदीप ने उन्हें दिल्ली में फ्लैट मालिक से मिलवाया और 48.25 लाख रुपये में फ्लैट का सौदा हो गया। उन्होंने नौ लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया। सचिन ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि इस फ्लैट का जीडीए से पूर्णता प्रमाणपत्र जारी नहीं हुआ है। इस बारे में उन्होंने फ्लैट मालिक मोहित व श्वेता से बात की तो उन्होंने प्रमाणपत्र नहीं आने तक फ्लैट में रहने को कह दिया। जुलाई 2021 से वह फ्लैट में रह रहे हैं। मार्च 2022 में टावर को जीडीए से पूर्णता प्रमाणपत्र मिल गया। इसके बाद उन्होंने बैंक से फ्लैट पर लोन भी स्वीकृत करा लिया। मोहित और श्वेता फ्लैट की रजिस्ट्री उनके नाम नहीं कर रहे हैं जबकि वह फ्लैट में करीब 12 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। आरोप है कि फ्लैट की कीमत बढ़ने से मोहित और श्वेता के मन में लालच आ गया और उन्होंने रजिस्ट्री नहीं की। नंदग्राम थाना प्रभारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी का कहना है कि मामले में तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है। फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफतारी नही हो पाई है।