Industrial Plot: प्राधिकरण की ये शर्ते मानेगे तो मिल जाएगा औद्योगिक भूखंड

नोएडा प्राधिकरण की 212वीं बोर्ड बैठक कई अहम फैसले लिए गए है। इसमें औद्योगिक भूखंडों (Industrial Plot: )के आवंटन की नई नीति पर भी मुहर लग गई। नीति के नए नियम और शर्तों के माध्यम से अगले सात दिनों में औद्योगिक प्लॉट की स्कीम निकलेगी। यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। इसमें 15 मुख्य और कुछ अनुपूरक प्रस्ताव पेश किए गए।
मालूम हो कि प्राधिकरण की 211वीं बोर्ड बैठक में आगामी योजनाओं के तहत सभी आकार के औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के लिए ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया बनाया गया था। इन सभी मानदंडों में आंशिक संशोधनों के बाद योजना विवरणिका बोर्ड के सामने रखी गई, जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी। इसके बाद औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की नई नीति लागू हो गई। अब इसी को क्राइटेरिया मानते हुए प्लॉटों का आवंटन होगा। बोर्ड में रखी गई विवरणिका में यह तय किया गया कि प्लॉट आवेदकों के लिए शर्तें क्या होगी। इस आवंटन को किस तरह से करना है। इसमें पहले ही यह साफ कर दिया गया है कि अब औद्योगिक प्लॉटों का आवंटन साक्षात्कार से होगा। हालांकि इससे पहले ई-नीलामी से प्लॉटों का आवंटन होता आ रहा था, जिसे अब हटा दिया गया है।

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बोर्ड बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर ऑनलाइन जुड़े। वहीं, इस मौके पर प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम, यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह, अपर जिलाधिकारी बलराम सिंह के अलावा प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री, एसीईओ वंदना त्रिपाठी और एसीईओ सतीश पाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने कहा कि नए नियमों और शर्तों के तहत औद्योगिक प्लॉट की स्कीम निकालने का रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड ने विवरणिका को मंजूरी दे दी है। इससे पहले मानदंड तैयार हो गया था।

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इन पर रहेगा फोकस
बोर्ड बैठक में सनराइज और फोकस क्षेत्र को वरीयता देने की बात कही गई। सनराइज सेक्टर के तहत उभरते हुए और ऐसे उद्योगों को यहां लगाने की बात की गई, जो पहली बार जिले में आएंगे। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन, एयरक्राफ्ट, हल्के मशीनों के उत्पादन, ऑटोमोबाइल, सर्कुलर इकोनॉमी से जुड़े प्रोजेक्ट, विद्युत के बड़े उपकरण और उर्जा उपकरण जैसे उद्योग शामिल होंगे। इसी प्रकार से फोकस सेक्टर के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन, डाटा सेंटर, वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स, रिन्यूवेबल एनर्जी, एनिमेशन विजुअल इफेक्ट, फिल्म, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल, आईटी और आईटीईएस, सिविल एविएशन, स्किल पार्क और हब आदि को शामिल किया गया है।

 

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