भारत वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाएगा:राजेन्द्र तिवारी

ghaziabad news  केआईईटी ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स में मंगलवार को “विकसित भारत 2047 की ओर प्रेरक पहल” विषय पर एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांडड़ ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य वक्ता नरेंद्र भूषण ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का सपना केवल सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि जन-सरकार सहयोग से ही साकार होगा।
उन्होंने आह्वान किया कि वह “समर्थ पोर्टल” पर नवाचारी सुझाव साझा करें, ताकि गाजिÞयाबाद देश के विकास मॉडल में योगदान दे सके।
भूषण ने ,इनोवेशन व्हील,एजेंटिक एआई, ग्रीन एनर्जी और वन ट्रिलियन इकोनॉमी जैसे विषयों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को उभरती तकनीकों में दक्षता प्राप्त करने की सलाह दी। प्रथम सत्र में डॉ. अदेश पांडेय ने तकनीकी शिक्षा की भूमिका पर बात करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को “राष्ट्र निर्माण की आधारशिला” बताया।
उन्होंने कहा कि परिणाम-आधारित शिक्षा, डिजिटल शासन और नवाचार आधारित शिक्षा भारत को वैश्विक शक्ति बनाएगी।
डॉ. अभिनव जुनेजा ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत युवा आबादी को यदि सही प्रशिक्षण मिले, तो हम वैश्विक कार्यबल में अग्रणी बन सकते हैं।
डॉ. सौरव कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 228 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं, लेकिन अभी भी फंडिंग और आर एन्ड डी जैसी चुनौतियाँ हैं जिन्हें हब एन्ड स्पोक मॉडल और डीप टच निवेश से दूर किया जा सकता है।
कृषि विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार तोमर ने शिक्षा, कृषि और खाद्य सुरक्षा को विकसित भारत के स्तंभ बताते हुए युवाओं से आॅर्गेनिक खेती,खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण नवाचार अपनाने की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथि और पूर्व मुख्य सचिव (यूपी ) राजेन्द्र कुमार तिवारी कहा कि अब समय आ गया है कि भारत फिर से वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाए।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे केवल सुझाव देने तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें क्रियान्वयन योग्य बनाएं।

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