भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग: दो वर्षों में व्यापार दोगुना, भविष्य की साझेदारी पर जोर

India-Australia Acta

India-Australia Acta नई दिल्ली: भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (भारत-ऑस्ट्रेलिया एक्टा) ने द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस समझौते के लागू होने के दो वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान दोगुने से अधिक हो गया है। अब इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों देश एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सेका) की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में 12.2 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में बढ़कर 26 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। हालांकि, 2023-24 में कुल व्यापार में मामूली गिरावट आई और यह 24 अरब अमेरिकी डॉलर पर आ गया, लेकिन इस दौरान ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 14 प्रतिशत बढ़ा।

चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2024) में दोनों देशों के बीच व्यापार 16.3 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है, जो आर्थिक सहयोग की गति को दर्शाता है। समझौते के तहत तरजीही आयात और निर्यात डेटा साझा किया गया, जिससे पता चला कि कपड़ा, रसायन और कृषि जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जबकि हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट जैसे नए उत्पादों का निर्यात बढ़ा।

औद्योगिक विकास को बल
ऑस्ट्रेलिया से धातु अयस्क, कपास, लकड़ी और अन्य कच्चे माल के आयात ने भारत के उद्योगों को बढ़ावा दिया है। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी वृद्धि की संभावना बनी हुई है।

2030 तक 100 अरब डॉलर का लक्ष्य
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। दोनों देश इस साझेदारी को एमएसएमई, व्यवसाय और रोजगार के अवसरों के लिए एक मजबूत आधार मानते हैं।

विस्तारित सहयोग पर चर्चा
भारत-ऑस्ट्रेलिया सेका समझौते के लिए अब तक 10 औपचारिक दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। हाल ही में, दिसंबर 2024 में नई दिल्ली में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक हुई, जिसमें इस समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में प्रगति हुई।

साझेदारी का महत्व
मंत्रालय ने बताया कि यह साझेदारी दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की पूरकता को उजागर करती है और पारस्परिक विकास को बढ़ावा देती है। इससे एमएसएमई और अन्य व्यवसायों को लाभ हुआ है, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं।

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है और यह दोनों देशों के भविष्य के विकास और आर्थिक साझेदारी के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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