Income Tax: आयकर कानून 1961 के सरलीकरण की दिशा में आयकर विधेयक, 2025 पेश

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Income Tax: नई दिल्ली: – आयकर विधेयक-2025 को आज लोकसभा में पेश किया गया, जो आयकर कानून-1961 की भाषा और संरचना को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यह सुधार तीन प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है—

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  1. सरल भाषा और संरचनात्मक सुधार – विधेयक को अधिक पठनीय और संगठित बनाने के लिए जटिल भाषा को हटाया गया है।
  2. कर नीति में निरंतरता – कर नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, जिससे करदाताओं को निश्चितता मिले।
  3. कर दरों में स्थिरता – करदाताओं के लिए पूर्वानुमेयता सुनिश्चित करने हेतु कर दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया है।

विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ

सरकार ने इस विधेयक को तैयार करने में त्रिआयामी दृष्टिकोण अपनाया, जिसमें शामिल हैं:
✔️ जटिल भाषा का सरलीकरण – कठिन कानूनी शब्दावली को सरल किया गया।
✔️ गैर-जरूरी और दोहराव वाले प्रावधानों की समाप्ति – अनावश्यक अनुच्छेद हटाकर विधेयक को संक्षिप्त बनाया गया।
✔️ तार्किक पुनर्गठन – अनुच्छेदों को एक व्यवस्थित क्रम में पुनर्गठित किया गया।

सरकार ने 20,976 ऑनलाइन सुझावों का विश्लेषण कर प्रासंगिक सुझावों को शामिल किया। उद्योग विशेषज्ञों और कर पेशेवरों से परामर्श किया गया, साथ ही ऑस्ट्रेलिया और यूके के कर सरलीकरण मॉडल का अध्ययन कर सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया गया।

कानूनी ढांचे में महत्वपूर्ण कमी

नए विधेयक के तहत—
📌 कुल शब्दों की संख्या: 512,535 से घटकर 259,676 (कुल 252,859 शब्दों की कमी)
📌 अध्यायों की संख्या: 47 से घटकर 23
📌 अनुच्छेदों की संख्या: 819 से घटकर 536

व्यापार और करदाताओं के लिए लाभ

सीबीडीटी के अनुसार, सरल भाषा और स्पष्ट प्रावधानों के माध्यम से कर अनुपालन को आसान बनाया गया है। कानून को अधिक सुलभ, संगठित और संक्षिप्त बनाया गया है, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।

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