Noida Authority Dues On Builders: प्राधिकरण ने बिल्डरों से बकाया वसूलने के लिए अलग अलग फॉर्मूला अपनाया है। यही कारण है कि बिल्डरों के फ्लैट सील किए गए और उनसे जमीन भी ले ली गई, तब भी बात नहीं बन रही तो अब प्राधिकरण आप में पुलिस का भी सहारा ले रहा है। सवाल ये है कि प्राधिकरण का यह दांव कितना कारगर साबित होगा फ़िलहाल किसका अधिकारियों के पास भी कोई जवाब नहीं है।
दो प्रोजेक्ट्स की शिकायत
अब ग्रुप हाउसिंग के दो प्रोजेक्ट के मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में छह लोगों को नामजद किया गया है। ये लोग ही दोनों परियोजनाओं को संचालित कर रहे थे। उन पर प्राधिकरण का 1588 करोड़ से अधिक का बकाया है। आरोप है कि उन्होंने परियोजनाओं में फ्लैटों की बिक्री कर वहां से मिले धन को दूसरे स्थान पर लगा दिया।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम बोले
प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि सेक्टर-100 में एक लाख 20 हजार वर्ग मीटर के ग्रुप हाउसिंग के प्लॉट का आवंटन रेड फोर्ट जहांगीर प्रोपर्टीज के नाम पर 24 दिसंबर 2008 को किया गया था, जिसे बाद में ग्रेनाइट गेट प्रॉर्टीज के नाम किया गया। उन्हें प्राधिकरण की ओर से अनेक बार बकाया जमा करने के नोटिस जारी किए गए, भूखंड पर बकाया 495 करोड़ 85 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया और न ही तय समय में निर्माण कार्य पूरा किया गया। इस प्रोजेक्ट के प्रमोटर्स विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी, गुरुबक्श सिंह सुभाष बेदी और कल्याण यनमेंद्र चक्रवर्ती ने इस परियोजना के फ्लैट बेचे। इस बिक्री से मिले धन को प्राधिकरण में जमा न कराकर अन्य स्थानों पर लगा दिया।
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