High Court:दिल्ली में दंगा पीड़ितों को मुआवजे की स्टेटस रिपोर्ट मांगी

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High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए गठित आयोग को मुआवजे के दावे और उनके भुगतान की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।

मोहम्मद शाहबाज और कुछ अन्य दंगा पीड़ितों ने दायर याचिका में कहा है कि फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान उन्हें काफी नुकसान हुआ था। दंगाइयों की भीड़ ने उनके घरों को जला दिया था, जिससे उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा था। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने अप्रैल, 2020 में दंगा पीड़ितों को मुआवजा देने क लिए एक आयोग का गठन किया था। आयोग की ओर से दिया जा रहा मुआवजा नाकाफी है। याचिका में मांग की गई है कि दंगा पीड़ितों को 10 लाख रुपये के मुआवजे की रकम बढ़ाकर 15 लाख करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए।

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High Court:याचिका में कहा गया है कि दंगा पीड़ितों को तुरंत मुआवजे की जरूरत है, लेकिन उन्हें मुआवजा देने से लगातार इनकार किया गया। यह सरकार की उपेक्षापूर्ण रवैया दिखलाता है। पहले तो सरकार उनकी जान-माल बचाने में असफल रही, बल्कि अब मुआवजा देने में असहाय साबित हो रही है। याचिकाकर्ताओं को उनके धर्म के आधार पर टारगेट किया जा रहा है।
इसके पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसी ही याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली दंगों के पीड़ितों की ओर से मुआवजे के लिए दायर आवेदनों पर जल्द कार्रवाई करें। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो पीड़ितों के आवेदनों को स्वीकार करते समय एफआईआर की प्रति दिखाने पर जोर नहीं दें।

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