Herbal Kadhas: सर्दी-जुकाम का रामबाण इलाज है काढ़ा
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Herbal Kadhas: सर्दी-जुकाम का रामबाण इलाज है काढ़ा

Herbal Kadhas:सर्दी का सीजन जहां अपने साथ सुहाना और खुशनुमा माहौल लेकर आता है, तो वहीं इस मौसम में अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं और सर्दी-जुकाम परेशानी की वजह बन जाते हैं।

Herbal Kadhas:

मौसम में बदलाव के चलते हुए इन संक्रमणों से घरेलू नुस्खों को आजमाकर बचा जा सकता है. (Home Remedies For Infections) ठंड आते ही लोग खांसी, गले में खराश से परेशान रहने लगते हैं. कफ सिरप पीने के बाद भी समस्या जड़ से खत्म नहीं होती है. कफ सिरप पीने की बजाय आप खुद से स्पेशल काढ़ा बनाकर पिएं. (Kadha For Cough) सर्दी-खांसी, गले की खराश, फ्लू और सीज़न की कई बीमारियों से बचने के लिए आप काढ़े का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सर्दी-खांसी के लिए ऐसे बनाएं काढ़ा (How To Make Kadha At Home)
सर्दी-खांसी से बचने के लिए यह स्पेशल काढ़ा (Best kadha For Cough) बनाना काफी आसान. एक गिलास पानी को उबलें. जब पानी उबल जाए, तो उसमें सभी सामग्री जैसे लौंग, काली मिर्च, इलायची, अदरक, गुड़ ड़ाल दें. थोड़ी देर उबलने दें. जब पानी आधा हो जाए, तो उसमें तुलसी की पत्तियां भी डाल दें. एक मिनट उबालने के बाद इसमें चायपत्ती डाल दें. इसे छान लें. लीजिए आपका हेल्दी काढ़ा तैयार है.

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सर्दी-जुकाम से लड़ने के इन 5 घरेलू उपायों पर कर सकती हैं भरोसा

1. शहद की चाय
खांसी के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपाय शहद को गर्म पानी में मिलाना है। कुछ शोधों के अनुसार शहद खांसी से राहत दिला सकता है। बच्चों में रात के समय होने वाली खांसी के उपचार पर एक अध्ययन किया गया। इसके अनुसार गहरे रंग के शहद की तुलना खांसी को दबाने वाली दवा डेक्स्ट्रोमेथोर्फन (dextromethorphan) से की गई थी। शोधकर्ताओं ने बताया कि शहद ने खाँसी से सबसे ज्यादा राहत प्रदान की और उसके बाद डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न (dextromethorphan) ने।
खांसी के इलाज में प्रभावी, इस शहद के चाय को बनाने के लिए 2 चम्मच शहद को गर्म पानी या किसी हर्बल चाय के साथ मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में एक या दो बार पियें। 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद न दें।

2. नमक-पानी के गरारे
गले में खराश और गीली खांसी के इलाज के लिए यह सरल उपाय सबसे प्रभावी है। नमक का पानी गले के पिछले हिस्से में कफ और बलगम को कम करता है जिससे खांसी ठीक हो सकती है। एक कप गर्म पानी में आधा छोटा चम्मच नमक तब तक मिलाएं जब तक वह घुल न जाए। गरारे करने के लिए इस्तेमाल करने से पहले घोल को थोड़ा ठंडा होने दें।

मिश्रण को थूकने से पहले कुछ क्षण के लिए गले के पिछले हिस्से पर लगा रहने दें। खांसी ठीक होने तक दिन में कई बार नमक के पानी से गरारे करें।

छोटे बच्चों को नमक का पानी देने से बचें क्योंकि वे ठीक से गरारे करने में सक्षम नहीं होते हैं और नमक का पानी निगलना खतरनाक हो सकता है।

3. अजवायन के फूल (Thyme)
अजवायन के खाने में और उपचार दोनों उपयोग हैं और यह खांसी, गले में खराश, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक सामान्य उपाय है। एक अध्ययन में पाया गया कि अजवायन के फूल (thyme) और आइवी के पत्तों (ivy leaves) से युक्त कफ सिरप तीव्र ब्रोंकाइटिस वाले लोगों में प्रभावी ढंग से और अधिक तेजी से खांसी से राहत देता है।
इसके पौधे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इसके लाभों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अजवायन के फूल का उपयोग करके खांसी का इलाज करने के लिए, एक कप गर्म पानी में 2 टीस्पून सूखे अजवायन डालकर थाइम चाय बनाएं। चाय बनने के बाद इसे 10 मिनट छोड़ दे और फिर छानकर पी लें।

4. अदरक
अदरक सूखी खांसी या दमा की खांसी को कम कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटी- इन्फ्लैमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं। यह दर्द से भी छुटकारा दिला सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि अदरक में कुछ ऐसे एंटी- इन्फ्लैमेटरी गुण है जो गले को आराम दे सकते हैं, जिससे खांसी कम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने मुख्य रूप से मानव टिशू और जानवरों पर अदरक के प्रभावों का अध्ययन किया है।
इसे बनाने के लिए एक कप गर्म पानी में 20-40 ग्राम (g) ताजा अदरक के स्लाइस डालकर उबाल लें और अदरक की चाय बनाएं। पीने से पहले कुछ मिनट के लिए इसे छोड़ दें । स्वाद में सुधार के लिए शहद या नींबू का रस मिलाएं और खांसी को शांत करें। ध्यान रखें कि कुछ मामलों में अदरक की चाय पेट खराब या सीने में जलन पैदा कर सकती है।

5. हल्दी का दूध
लगभग सभी भारतीय रसोई में पाया जाने वाला एक आवश्यक चीज है हल्दी। हल्दी में एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना, सर्दी और खांसी से लड़ने का एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है। सोने से पहले एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध पीने से सर्दी और खांसी से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।

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