Health Tips: आपने जरूर सुना होगा कि फला आदमी सोया था और सुबह नही उठ पाया। ऐसे वक्य ज्यादातर पूराने जमाने में हुआ करते थे। अब तो पता चल जाता है कि व्यक्ति किस वजह से मरा है क्या हुआ होगा। आपने कई बार खबरों में सुना और पढ़ा होगा कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है। ठीेक इसी प्रकार से आपने हार्ट फेलियर की बात भी सुनी होगी। ऐसे में कई बार आपके जेहन में भी प्रश्न उठा होगा कि आखिर इन दोनों में क्या फर्क अंतर है? यह दोनों ही मेडिकल कंडीशन हैं और अगर इनका सही समय पर इलाज न किया जाए तो, आपके स्वास्थ्य पर बहुत ही गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। लेकिन इतना तो आप समझ ही लीजिए कि दोनों ही दिल से जुड़ी स्थितियां होने के बावजूद दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। इस संबंध में आपके प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए जय हिन्द जनबा लगातार डाक्टरों से बात कर रहा है। इस सबंध में मेटो अस्पताल के सीएमडी . डॉ. पुरुषोत्तम लाल बताते है कि हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर के बीच अंतर है। उन्होंने इस के बारे में हमें विस्तार से समझाया। यही नहीं, उन्होंने हमें दिल के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए कुछ जरूरी कदम भी बताए।
हार्ट अटैक किसे कहते हैं? (What is heart attack?)
हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इंफार्कशन भी कहा जाता है. हार्ट अटैक तब आता है, जब दिल को पर्याप्त मात्रा में खून की सप्लाई नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि दिल में मौजूद मांसपेशियों को जिंदा रहने के लिए जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, उतनी उन्हें नहीं मिल पा रही है। अगर इस स्थिति का सही समय पर इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। आजकल हार्ट अटैक के मामले में सिर्फ बुजुर्गों में ही देखने को नहीं मिलते, बल्कि जवान और स्वस्थ दिखने वाले लोगों को भी हार्ट अटैक आते हैं. हाल के दिनों में कई ऐसे लोगों को हार्ट अटैक आए हैं, जिन्हें स्वस्थ माना जाता है और जिनकी हेल्थ को देखकर लोग उनके जैसा बनना चाहते हैं।
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हार्ट फेलियर क्या है? (What is heart failure?)
हार्ट फेलियर वह स्थिति है, जिसमें दिल ठीक से काम नहीं करता। यदि इसे दूसरे शब्दों में कहें तो यह आपके दिल की खून को पंप करने की क्षमता में कमी आने की स्थिति है। दिल का काम शरीर के विभिन्न अंगों को खून की सप्लाई करना है, जब दिल यह काम नहीं कर पाता है तो इस स्थिति को ही हार्ट फेलियर कहा जाता है।
हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर क्यो होता है (Why does heart attack and heart failure happen?)
हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर दोनों ही अलग-अलग स्थितियां हैं, इसलिए दोनों के कारण भी अलग-अलग होते हैं। यहां हम दोनों के कारणों की सूचि दे रहे हैं।
हार्ट अटैक के कारण
- तनाव (Stress)
- शारीरिक गतिविधि न करना (Lack of Physical Activity)
- खान-पान की खराब आदतें (Poor Eating Habits)
- हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
- शुगर (Diabetes)
- ऑटोइम्यून कंडीशन (Autoimmune Conditions)
- दिल की धमनी से जुड़े रोग (Coronary Artery Disease)
- हार्ट अटैक का पारिवारिक इतिहास (A family History of a Heart Attack)
हार्ट फेलियर के कारण
- दिल का वाल्व क्षतिग्रस्त होना (Heart Valve Damage)
- नींद में सांस टूटना यानी स्लीप एप्निया (Sleep Apnea)
- मधुमेह (Diabetes)
- फेफड़ों में खून का थक्का जमना (Blood Clot in the Lungs)
- हृदय की मांसपेशियों में सूजन (Inflammation of the Heart Muscle)
- धूम्रपान और शराब (Smoking and Alcohol)
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ऐसे करते है इलाज
Health Tips: हार्ट अटैक की स्थिति में डॉक्टर तुरंत एंजियोप्लास्टी करके ब्लॉकेड को हटा देते हैं, जिससे दिल तक खून का प्रवाह दुरुस्त हो जाता है और हृदय की मांसपेशियां ऑक्सीजन के आभाव में मरती नहीं हैं. दूसरी ओर हार्ट फेलियर को मैनेज करने के लिए कुछ दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिनसें ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके कम किया जाता है और ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने की दवाएं दी जाती हैं। इसे एसीई इनहिबिटर कहा जाता है. इसके अलावा बीटा ब्लॉकर यानी ब्लड प्रेशर को कम करने व दिल की धड़कने की रफ्तार को कम करके वाली दवाओं के साथ ही मूत्रवर्धक दवाएं दी जाती हैं।