Haryana News: बोले हुड्डा, जवाबदेही से बच रही है सरकार, इसलिए बजट सत्र की अवधि रखी कम
Haryana News: हरियाणा कांग्रेस ने बजट सत्र के दौरान बीजेपी-जेजेपी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कमर कस ली है। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव, राज्यपाल के अभिभाषण व बजट प्रस्ताव समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार जनता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है। क्योंकि ये सरकार युवाओं को रोजगार, किसानों को एमएसपी, बच्चों को अच्छी शिक्षा, महिलाओं को सुरक्षा और हरियाणा को विकास की सौगात देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। इसीलिए हर वर्ग का विश्वास इस सरकार से उठ चुका है। हुड्डा ने कहा कि सरकार विपक्ष के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब नहीं देना चाहती। इसलिए बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में मांग करने के बावजूद उसने सत्र के अवधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया।
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सीईटी भर्ती में सामने आई ताजा धांधली पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी से इसके अलावा कोई और उम्मीद की भी नहीं जा सकती। अब तक पेपर लीक, कैश फॉर जॉब, ओएमआर सीट छेड़छाड़ और दस्तावेजों की हेरा-फेरी समेत इस सरकार के दौरान अनगिनत घोटाले सामने आ चुके हैं। अब सीईटी ग्रुप-1, 2 और 49बी में अजब ही खेल खेला गया है। सिविल इंजीनियरिंग वालों को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का रोल नंबर पकड़ा दिया गया और इलेक्ट्रिकल वालों को सिविल का। इतना ही नहीं मेरिट से ज्यादा अंक लेने वाले बहुत सारे अभ्यार्थियों का रोल नंबर ही जारी नहीं किया गया। एडमिट कार्ड पर अलग डिटेल दी गई है और ओएमआर शीट पर अलग। भर्तियों से संबंधित ऐसे घोटालों के मुद्दे को कांग्रेस बजट सत्र के दौरान उठेगी।
इसके अलावा सत्र के दौरान पार्टी की तरफ से किसानों के मुद्दे, आयुष्मान, सहकारिता, खनन और एफपीओ समेत विभिन्न घोटालों के मुद्दे को उठाया जाएगा। साथ ही प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी, कौशल रोजगार निगम की गड़बड़ियों, हरियाणा की भर्तियों में बाहरियों को प्राथमिकता देने, युवाओं को युद्ध क्षेत्र इजराल में भेजने, भर्ती घोटालों और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
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बढ़ते नशे, एससी-बीसी बच्चों का वजीफा बंद होने, एससी वर्ग की योजनाओं, शिक्षा के गिरते स्तर, किसानों की स्थिति, मौसम की मार, बाढ़ के मुआवजे, परिवार पहचान पत्र की गड़बड़ियों, सड़कों की खस्ता हालत और अल्पसंख्यकों के मुद्दों को भी प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा। अलग-अलग मुद्दों को लेकर विधायकों की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी गई है। विधायकों की तरफ से सदन में स्थगन व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए गए हैं। विभिन्न संगठनों, समाजिक संस्थाओं, कर्मचारियों, किसानों, बेरोजगार युवाओं समेत विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने भी नेता प्रतिपक्ष को अपने-अपने मुद्दों से संबंधित ज्ञापन सौंपे है। उनके मुद्दों को भी सदन में प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा।