Haryana Elections: भाजपा को सत्ता से बाहर करके ही दम लेंगे: मोर्चा
Haryana Elections: नयी दिल्ली : लोक स्वराज मोर्चा ने घोषणा की है कि हरियाणा सूबे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसे सत्तासीन को सत्ता से बाहर करते हुए उनके परोक्ष और प्रत्यक्ष राजनैतिक सहयोगियों के कार्यकलापों का पर्दाफाश तथा बेदखल करना उनका मकसद है। हरियाणा चुनाव को देखते हुए किसानों, मजदूरों और सामाजिक, राजनीतिक गतिविधियों में भागीदारी निभाने वाले प्रमुख प्रतिनिधियों ने लोक स्वराज मोर्चे ने रविवार को यहां यह घोषणा की। मोर्चे में शामिल हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा दिल्ली प्रदेश के किसान, मजदूर सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों के प्रमुखों ने एक आवाज में देश में धार्मिक एवं जातीय सौहार्द कायम करते हुए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक ढांचा तैयार करने की कवायद की। इसके साथ ही ऐसी ताकत जो समाज में नफरत फ़ैलाकर राजनीतिक लाभ लेती आई है, उनको रोकने के लिए लोक मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने कटिबद्धता दिखाई है।
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दिल्ली प्रेस क्लब में मोर्चे की घोषणा और भविष्य की रूपरेखा रखते हुए मोर्चे के संयोजक मनोज सेहरावत ने मोर्चे में उन सभी लोगों को आने की अपील की जो हरियाणा विधानसभा चुनाव के जरिए देश की राजनीति में एक बेहतरीन उदाहरण रखने के लिए दृढ़ संकल्प है। मोर्चे की मुख्य मांगों में किसानों को लाभकारी मूल्य की गारंटी के साथ कर्जा मुक्ति एवं फसल बीमा सुरक्षा देना, बिजली बिल एवं भूमि अधिग्रहण बिल की वापसी तथा भूमि अधिग्रहण बिल 2013 लागू करना, न्यूनतम मजदूरी तय करते हुए मनरेगा में 300 दिनों का कार्य करने के साथ लेबर सेस का मजदूरों के कल्याणार्थ इस्तेमाल करना, ग्रामीण शिक्षा प्रणाली तथा युवाओं को रोजगार, एसटी, एससी, ओबीसी के लिए सामाजिक न्याय के साथ समान भागीदारी, मजबूत न्याय कानून व्यवस्था के चलते महिला स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा भागीदारी, जातीय जनगणना करना तथा अग्निवीर योजना को वापस करना, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर केंद्र में 25 लाख रिक्त पदों पर भर्ती करना और देश में ग्रामीण औद्योगीकरण, पर्यावरण व जल संग्रहण को बढ़ाते हुए संवैधानिक अधिकारों सहित ग्राम सभा व पंचायत का निर्माण करने के अलावा देश से ठेका प्रथा खत्म करके स्थायी नौकरी देने जैसी मुख्य मांगो की घोषणा की।
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श्री सेहरावत, राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी (एस) पंजाब के महासचिव राजा सिंह, किसान मोर्चा दिल्ली के मोहिन्द्र सिंह राणा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वी एम सिंह, राष्ट्रीय भागीदारी मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक इंजीनियर डी सी कपिल, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह, संविधान बचाओ देश बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष चरणजीत सिहॅ आजाद, राष्ट्रीय खाप संयोजक ओ पी धनखड़, बामसेफ़ के विजय बागोरिया, किसान यूनियन के गुरमुख सिंह अनंत,भारतीय किसान यूनियन असली, उत्तर प्रदेश के हरपाल सिंह बिल्लारी,दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सूरज मंडल, श्रीमती शारदा दीक्षित, बीकेएम के सुखदेव सिंह विर्क, किसान मजदूर उत्थान मोर्चा मेवात के चौधरी जफर मेव यदुवंशी, फौजी जनता पार्टी के कर्नल राम मेहर मलिक, जैविक भारत के रामकुमार अत्री, ओपीएस के राष्ट्रीय संरक्षक डी एन सिंह, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बलराज सिंह मलिक, अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह भारत सहित अन्य लोग भी शामिल थे।