Gyanvapi:इलाहाबाद HC कोर्ट का बड़ा फैसला, व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा

Gyanvapi: वाराणसी। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास, डा.रामरंग शर्मा एवं अन्य द्वारा 15 अक्टूबर 1991 को दाखिल मुकदमे की सुनवाई जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र सोमवार को सुनवाई हुई। इलाहाबाद HC कोर्ट का फैसला आया है कि व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा-पाठ।

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आदेश के बाद खोल दिया गया था तहखाना
बता दें कि ज्ञानव्यापी मस्जिद के सर्वे के बाद तहखाना खोल दिया गया था. इस मामले में शैलेंद्र कुमार पाठक ने वाद भी दायर किया था, जिसके बाद 31 जनवरी को जिला जज के आदेश पर हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दे दिया गया था. जिला जल के आदेश के बाद काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी.

मुस्लिम पक्ष ने अदालत से की यह मांग
मुस्लिम पक्ष का दावा था कि डीएम को वाराणसी कोर्ट ने रिसीवर नियुक्त किया है, जो पहले से काशी विश्वनाथ मंदिर के सदस्य हैं. इसलिए उनको नियुक्त नहीं किया जा सकता है. मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा है कि दस्तावेज में किसी तहखाने का जिक्र नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा था कि व्यासजी ने पहले ही पूजा का अधिकार ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया था. उन्हें अर्जी दाखिल करने का अधिकार नहीं है.

क्या है ज्ञानवापी तहखाने को लेकर विवाद
दरअसल, पूजा शुरू होने से पहले इस मामले में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि नवंबर 1993 से पहले व्यास तहखाने में पूजा-पाठ को उस वक्त की प्रदेश सरकार ने रुकवा दिया था. जिसको शुरू करने का पुनः अधिकार दिया जाए. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को अस्वीकार करते हुए हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ का अधिकार दे दिया था.

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