गुजरात हाई कोर्ट ने यूसुफ पठान को अतिक्रमणकारी घोषित किया, कहा- सेलिब्रिटी कानून से ऊपर नहीं

Ahmedabad News: गुजरात हाई कोर्ट ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद यूसुफ पठान को वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का दोषी पाया है। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि मशहूर हस्तियां कानून से ऊपर नहीं हैं और ऐसे लोगों को छूट देना समाज को गलत संदेश देता है। न्यायमूर्ति मौना एम भट्ट की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए वीएमसी को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाए और जमीन पर कब्जा वापस ले।

मामला क्या है?
यह विवाद 2012 से चला आ रहा है। यूसुफ पठान ने वडोदरा के तंडलजा इलाके में अपने घर के पास स्थित 978 वर्ग मीटर के वीएमसी के प्लॉट को खरीदने की मांग की थी। उन्होंने इस जमीन पर घोड़े रखने के लिए अस्तबल बनाने का हवाला दिया। वीएमसी ने जून 2012 में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें जमीन की कीमत 57,270 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की गई और बिना नीलामी के बेचने की सिफारिश की। हालांकि, राज्य सरकार ने 2014 में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

इसके बावजूद, पठान ने प्लॉट पर कब्जा कर लिया और चारदीवारी बना ली। उन्होंने दावा किया कि वह बाजार मूल्य पर जमीन खरीदने को तैयार हैं, लेकिन कोई भुगतान नहीं किया। 2024 में, पठान के पश्चिम बंगाल के बहारामपुर से सांसद चुने जाने के बाद, वीएमसी के एक पार्षद ने इस मुद्दे को उठाया। जून 2024 में वीएमसी ने पठान को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने को कहा। इसके खिलाफ पठान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने खुद और अपने भाई इरफान पठान की सुरक्षा का हवाला दिया, क्योंकि दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर हैं।

कोर्ट का क्या कहा?
कोर्ट ने पठान के तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि कोई आधिकारिक आवंटन आदेश जारी नहीं हुआ था, इसलिए उनका कब्जा अवैध है। न्यायमूर्ति भट्ट ने टिप्पणी की, “राष्ट्रीय प्रतिनिधि और सार्वजनिक हस्ती होने के नाते पठान की कानून का पालन करने की जिम्मेदारी और भी अधिक है। सेलिब्रिटी अपनी प्रसिद्धि के कारण समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं। उन्हें कानून तोड़ने के बावजूद छूट देना समाज को गलत संदेश देता है और न्यायिक व्यवस्था में विश्वास कम करता है।” कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि लंबे समय तक कब्जा रखने से कोई कानूनी अधिकार नहीं मिलता।

वीएमसी ने पठान पर जुर्माना लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, क्योंकि वीएमसी ने 2014 से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की थी। वीएमसी के भूमि और संपदा अधिकारी सुरेश तुवेर ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद प्लॉट पर कब्जा वापस लिया जाएगा।

इरफान पठान की भूमिका
याचिका में यूसुफ पठान ने अपने भाई इरफान पठान का जिक्र किया, जो भी पूर्व क्रिकेटर हैं। उन्होंने कहा कि परिवार की सुरक्षा के लिए जमीन जरूरी है। हालांकि, इरफान का इस मामले में सीधा जुड़ाव नहीं बताया गया है।
यह फैसला सेलिब्रिटी और कानून के बीच समानता पर जोर देता है। पठान की ओर से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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