Greater Noida: पिता से मांगते रहे 6 करोड़ की फिरौती, इन दोस्तों ने कर दिया बेटे का कत्ल
Greater Noida:। एक कहावत है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हसे पुलिस से नही बच सकता। इस कहावत को चरितार्थ करते हुए दादरी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा बैनेट यूनिवर्सिटी के बीबीए प्रथम वर्ष के छात्र के कत्ल का खुलासा किया है। छात्र यश मित्तल की हत्या किसी ओर ने नही बल्कि उसी के दोस्तों ने की। इस वारदात को 26 फरवरी की रात अजंाम दिया गया। परिजनों को गुमराह करने के लिए 27 फरवरी की शाम करीब 5ः30 बजे यश को छोड़ने के लिए 6 करोड़ रुपये फिरौती की मांग की गई वो भी मैसेज के जरिये। इसके बाद परिजन तुरंत दादरी पुलिस के पास पहुंचे और पूरा मामला बताया। छात्र के पिता प्रदीप मित्तल के मुताबिक यश ने अपने मोबाइल में खराबी आने की बात कही थी। 26 फरवरी की शाम को हुई लास्ट बातचीत में यश ने मोबाइल में कुछ तकनीकी खराबी की बात कही थी। उसने मोबाइल को रिपेयरिंग के लिए देने की बात बताई थी। बातचीत के कुछ देर बात ही यश का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। पिता ने यह मान लिया कि बेटे ने मोबाइल रिपेयरिंग के लिए दे दिया गया है।
यह भी पढ़े : यमुना प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई: 100 करोड़ की जमीन कराई कब्जामुक्त
जब अगले दिन भी मोबाइल स्विच ऑफ आने पर उन्होंने मान लिया था कि फोन रिपेयरिंग के लिए दुकान पर दिया होगा। दोपहर बाद भी फोन ऑन नहीं होने पर वह सोचते रहे कि क्लास समाप्त होने के बाद यश फोन लेने दुकान पर जाएगा और काॅल करेंगा। इसी पशोपेश में उनका मन नहीं माना। इसके बाद यूनिवर्सिटी पहुंच गए। बेटे के दोस्तों से बार-बार पूछने पर भी उन्हें यश की जानकारी नहीं मिली। शाम करीब 5.30 बजे उनके मोबाइल पर यश के नंबर से मैसेज आया। जिसमें 6 करोड़ की फिरौती मांगी गई। मैसेज को देखते ही वह बुरी तरह परेशान हो गए।
इसकी सूचना देने तुरंत दादरी कोतवाली पहुंचे और थाना पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर यश की तलाश शुरू कर दी गई। प्रदीत का कहना है कि उस वक्त तक उन्हें यही लग रहा था कि यश हमें मिल जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। पिता ने कहा कि अगर उनका थोड़ी भी आशंका होती तो वह इकलौते बेटे को हर हाल में बचा लेते।
कहासुनी के बाद दोस्तो ने की हत्या
पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपी युवकों में कोई भी यश का काॅलेज मेट नहीं है। चारों आरोपी यश के साथ पहले पढ़ चुके हैं। पार्टी के दौरान कहासुनी में यश ने एक आरोपी को कुछ ऐसे शब्द बोल दिए जिसे वह दिल से लगा बैठे। इस बात पर कहासुनी हुई तो वहां से कार में बैठकर एक साथ निकल गए। मगर फिर से कार में कुछ बात हुई तो दो हत्यारोपियों ने यश का गला दबा दिया। तब उसकी नाक से खून निकल आया था। इससे उसकी वहीं पर मौत हो गई थी। आरोपियों ने घटनास्थल के कुछ ही दूरी पर रचित के खेत के पास में बने गडढे में यश का शव दबा दिया।
ऐसे खुला हत्या राज
हत्या करने वालों ने वारदात को दूसरी ओर घुमाने के लिए काफी कोशिश की। यूनिवर्सिटी से निकलने के दौरान कक्षा और रूम पार्टनर को बताया था कि दिल्ली से उसके कुछ दोस्त आ रहे हैं। मगर यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद ही उसने फोन बंद कर लिया था। जिससे घर और बहन को उसके बारे में जानकारी न लगे। बहन इशिता समय-समय पर कॉल करके उससे हालचाल लेती रहती थी। इसी बात का लाभ उठाते हुए हत्यारोपियों ने उसके मोबाइल की सिम निकालकर ऐसे मोबाइल में डाली जो काफी दिन से प्रयोग में नहीं था। मगर उससे जब फिरौती के लिए मैसेज पिता के मोबाइल पर भेजा गया। उसी मोबाइल का आईएमईआई पुलिस ने सर्च किया गया और फिर हत्यारोपी रचित तक पहुंचा जा सका।
पुलिस ने बताया वारदात का सच
इस मामले में वरिष्ठ अधिकारीगण के निर्देशानुसार छात्र यश मित्तल की बरामदगी व अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई टीमों का गठन किया गया था तथा छात्र की यूनिवर्सिटी के आस-पास के सभी सीसीटीवी कैमरे चैक किये गये तो छात्र यश मित्तल मोबाइल पर बात करते हुए निकलते हुए दिखायी दिया और अपनी मर्जी से एक कार मे बैठकर जाते हुए नजर आया। यश मित्तल की सीडीआर का अवलोकन करने पर कुछ संदिग्ध नम्बर पाये गये जिनमे से एक नम्बर रचित नागर पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी मोहल्ला तिगरिया, वार्ड नंबर-10, थाना गजरौला, जनपद अमरोहा का पाया गया। यश मित्तल की बरामदगी हेतु सम्भावित स्थानों व जनपद गजरौला मे ऑपरेशन चलाकर सर्विलांस टीम की मदद से अभियुक्त रचित नागर पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी मोहल्ला तिगरिया, वार्ड नंबर-10, थाना गजरौला, जनपद अमरोहा को हिरासत मे लेकर कड़ाई से पूछताछ की गयी तो अभियुक्त द्वारा बताया गया कि दिनांक 26.02.2024 को यश मित्तल उपरोक्त को फोन करके पार्टी करने के लिए यूनिवर्सिटी के बाहर बुलाया गया था। जिसके बाद हम लोग यश मित्तल उपरोक्त को लेकर तिगरिया अमरोहा के जंगलो मे गये। वहां पर बैठकर हम सब ने पार्टी की। पार्टी के दौरान किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। इसी दौरान मैने व मेरे साथियों ने गुस्से मे आकर यश मित्तल की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को छिपाने के उद्देश्य से करीब 5 से 6 फीट का गड्ढा खोदकर यश मित्तल के शव को गड्ढे मे गाड़ दिया था।