Greater Noida: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को एसोसिएशन आॅफ पेट्रोलियम जियोलॉजिस्ट (एपीजी) इंडिया द्वारा आयोजित इंडिया एक्सपो मार्ट में मेगा-भूविज्ञान सम्मेलन और प्रदर्शनी जीईओ इंडिया-2024 का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए उपयुक्त स्थान है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में प्रतिदिन 67 मिलियन लोग पेट्रोल पंपों पर जाते हैं। इस बढ़ती मांग से अगले दो दशकों में ऊर्जा की खपत में वैश्विक स्तर पर 25 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है। उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता के संतुलन को बनाए रखना न केवल प्राथमिकता है, बल्कि एक प्रतिबद्धता भी है, जिसे हम अन्वेषण, उत्पादन और ऊर्जा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर पूरा कर रहे हैं। भारत जैसे विशाल देश में बढ़ती अर्थव्यवस्था के अनुरूप ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2025 तक तलछटी बेसिन क्षेत्र का 10 फीसदी से बढ़कर 16 फीसदी होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमने अनुमोदन की 37 प्रक्रिया को सरल बनाया है। आॅयल फील्ड्स (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक-2024 में पेश किया गया, जिसका उद्देश्य तेल और गैस उत्पादकों के लिए नीति स्थिरता सुनिश्चित करना, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की अनुमति देना और पट्टे की अवधि बढ़ाना है। बता दें कि जीईओ इंडिया-2024 में लगभग दो हजार प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इसमें 20 से अधिक सम्मेलन सत्र होंगे। 200 से अधिक तकनीकी शोध पत्र और 50 से अधिक प्रदर्शनी सत्र शामिल है। यह कार्यक्रम 15 से 17 नवंबर तक आयोजित होगा, जिसमें देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए होने वाले उपायों पर चर्चा की जाएगी।
नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान दिया जा रहा
जीओ वैज्ञानिक उमंग नागपाल ने कहा कि आयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) का नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान दिया जा रहा है। अभी 190 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। जिसे वर्ष 2040 तक छह हजार मेगावाट करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि लोग पहले अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए तेल और गैस के जीवाश्म ईंधन पर निर्भर थे। अब पर्यावरण को बचाने के लिए ऊर्जा उत्पादन की ओर बढ़ना ही इस आयोजन का मकसद है।
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