पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से सूरजपुर और आसपास के इलाकों में सक्रिय था। आरोपी चलती कारों या अन्य वाहनों में लिफ्ट मांगकर सवार होते थे, फिर मौका मिलते ही चालक को बंधक बनाकर वाहन, नकदी और सामान लूट लेते थे। लूट का माल गैंग लीडर बिट्टू अपनी पत्नी सपना को सौंपता था, जो इसे बेचकर पैसा कमाती थी। बाद में पूरा गिरोह लूट की रकम और सामान आपस में बांट लेता था।
गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि बेटे शिवम कसाना को 24 दिसंबर की रात मिग्सन विलासा गोलचक्कर के पास से पकड़ा गया। उसके पास से एक अवैध तमंचा और जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके बाद गैंग लीडर बिट्टू और पत्नी सपना को 130 मीटर रोड से गिरफ्तार किया गया। बिट्टू के पास भी तमंचा और कारतूस मिले, जिस पर आर्म्स एक्ट के तहत अलग से मुकदमा दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर पुलिस ने दो अवैध तमंचे और कारतूस बरामद किए हैं।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है। बिट्टू उर्फ प्रवेश कसाना पर लूट, डकैती और गैंगस्टर एक्ट समेत करीब 15 गंभीर मामले दर्ज हैं, जबकि सपना और शिवम पर 5-5 मामले दर्ज हैं। तीनों पहले भी सूरजपुर क्षेत्र में लूट की घटनाओं के लिए जेल जा चुके हैं। पुलिस ने इन तीनों पर कुल 55 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
यह कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट में फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है। पुलिस का दावा है कि इन गिरफ्तारियों से क्षेत्र में वाहन चालकों को निशाना बनाने वाली लूट की कई घटनाएं सुलझ जाएंगी। जांच जारी है और गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की तलाश की जा रही है।

