GPS का जवाबः स्वदेशी ‘नाविक’ करेगा सशस्त्र बलों को मजबूत,
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GPS का जवाबः स्वदेशी ‘नाविक’ करेगा सशस्त्र बलों को मजबूत,

अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यानी सोमवार सुबह भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) से नेविगेशन सैटेलाइट ‘नाविक’ एनवीएस-1 को प्रक्षेपित कर दिया। यह सैटेलाइट खासकर सशस्त्र बलों को मजबूत करने और नौवहन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है। भारत के पोजिशनिंग सिस्टम ‘नाविक’ से लैस होकर जवान और सशक्त व घातक होंगे। नाविक अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) का जवाब है। नाविक का इस्तेमाल स्थलीय, हवाई और समुद्री परिवहन, लोकेशन-आधारित सेवाओं, निजी गतिशीलता, संसाधन निगरानी, सर्वेक्षण और भूगणित, वैज्ञानिक अनुसंधान, समय प्रसार और आपात स्थिति में होगा। बताया गया है कि प्रक्षेपण के 20 मिनट बाद रॉकेट करीब 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्ष में उपग्रह को करेगा। स्थापित 1500 किमी क्षेत्र में तात्कालिक स्थिति तथा समय संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा

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ISRO ने भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से नेविगेशन सैटेलाइट ‘नाविक’ को प्रक्षेपित करने की तैयारी पूरी कर ली है। वैज्ञानिकों ने सोमवार को प्रक्षेपित किए जाने वाले सैटेलाइट के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती रविवार सुबह 7.12 बजे शुरू की थी। नाविक अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) का जवाब है। नाविक (भारत का स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम) सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगा।

GPS की तरह ही काम करने वाला यह सैटेलाइट भारत और मुख्य भूमि के आसपास करीब 1,500 किमी के क्षेत्र में तात्कालिक स्थिति तथा समय संबंधी सेवाएं प्रदान करेगा। नाविक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सिग्नल 20 मीटर से बेहतर उपयोगकर्ता की स्थिति और 50 नैनोसेकंड से बेहतर समय सटीकता प्रदान कर सके।

इसका इस्तेमाल स्थलीय, हवाई और समुद्री परिवहन, लोकेशन-आधारित सेवाओं, निजी गतिशीलता, संसाधन निगरानी, सर्वेक्षण और भूगणित, वैज्ञानिक अनुसंधान, समय प्रसार और जीवन सुरक्षा चेतावनी प्रसार में किया जाता है। सोमवार को मिशन स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ जीएसएलवी की छठी परिचालन उड़ान है। इसरो के मुताबिक, एनवीएस-01 का मिशन जीवन 12 साल से ज्यादा रहने की उम्मीद

 

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भारात की धाक और हुई मजबूत
नाविक एसपीएस सिग्नल अमेरिकी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम सिग्नल, जीपीएस, रूस से ग्लोनास, यूरोपीय संघ के गैलीलियो और चीन के बेईदोऊ के साथ इंटरऑपरेबल हैं।

प्रक्षेपण के 20 मिनट पर होगा स्थापित
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में एनवीएस-01 नेविगेशन सैटेलाइट को लेकर रवाना होगा। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद रॉकेट करीब 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा।

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