Government hospital: नई दिल्ली । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को रोजाना एक सरकारी अस्पताल (Government hospital: ) और मोहल्ला क्लिनिक का दौरा करने, मरीजों और उनके तीमारदारों से बातचीत करके दवाओं और खाने वाली चीजों की ‘कमी’ पर फर्स्टहैंड (प्रत्यक्ष) प्रतिक्रिया प्राप्त करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने मुख्य सचिव को यह निर्देश देते हुए रोजाना रिपोर्ट देने के लिए कहा है। एक बयान में, भारद्वाज ने कुमार के हालिया स्पष्टीकरण – कि विभागों की सभी रूटीन फाइलें उनके जरिए नहीं भेजी जाती हैं, जिसके कारण वह दवाओं और खाने वाली चीजों की उपलब्धता की निगरानी नहीं कर सकते – को इस मामले पर एक ‘बहाना’ बताया।
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मंत्री ने कहा कि ग्राउंड रिपोर्ट ‘स्पष्ट रूप से बताती हैं’ कि मुफ्त दवाओं की ‘बेहद कमी’ है, जबकि मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि हर मरीज को सभी आवश्यक दवाएं या उनके उपयुक्त विकल्प मिल रहे हैं। 8 अप्रैल की एक बैठक का जिक्र करते हुए, भारद्वाज ने एक फाइल नोट में कहा कि मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाओं ने उन्हें बताया था कि सभी दवाएं उपलब्ध हैं, और यदि कुछ नहीं है, तो उनके विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
आप नेता ने नोट में कहा, ‘अस्पतालों में आवश्यक दवाओं और खाने वाली चीजों की कमी के संबंध में प्रत्यक्ष और सही फीडबैक हासिल करने के लिए, मुख्य सचिव को यह निर्देशित किया जाता है कि विभिन्न नियमों का सहारा लेने की बजाय वे व्यक्तिगत रूप से रोजाना दिल्ली सरकार के एक अस्पताल और एक मोहल्ला क्लिनिक का ओपीडी (बाहरी रोगी विभाग) के समय- सुबह 8.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे के दौरान दौरा करें।’
मंत्री ने मुख्य सचिव को दवा काउंटरों के पास प्रतीक्षा क्षेत्र में मरीजों और उनके परिचारकों के साथ बातचीत करने और उनसे पूछताछ करने का निर्देश दिया है कि अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा लिखी गई दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं या नहीं। भारद्वाज ने मुख्य सचिव को अगले दो हफ्ते का दैनिक रोस्टर शेयर करने और स्थिति से जुड़ी दैनिक रिपोर्ट निर्दिष्ट प्रारूप में उन्हें प्रेषित करने के लिए कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने 12 अप्रैल को लिखे नोट में कहा कि मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने दवाओं की उपलब्धता के संबंध में सरकार और विधानसभा दोनों को गुमराह किया।
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