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135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी स्वदेशी तकनीक से तैयार मेट्रो
Good News: गाजियाबाद| नमो भारत रैपिड ट्रेन के मेरठ साउथ तक चलने के बाद अब शहर में मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मेरठ में 13 स्टेशनों के बीच तीन कोच की मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इस मेट्रो की अधिकतम परिचालन गति 135 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 23 किलोमीटर है, जिसमें 18 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड है और 5 किलोमीटर का सेक्शन भूमिगत है। मेरठ में कुल 13 स्टेशन हैं। जिनमें से 9 स्टेशन एलिवेटेड और 3 स्टेशन भूमिगत हैं। जबकि एक स्टेशन ग्राउंड लेवल पर होगा।
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एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने आज गाजियाबाद के दुहाई स्थित आरआरटीएस डिपो में मेरठ मेट्रो की आधुनिक, ट्रेन इंटीरियर और यात्री केंद्रित सुविधाओं का अनावरण किया। मेरठ मेट्रो, मेरठ मे क्रियान्वित किया जा रहा एक शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है, जिसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तेज और आधुनिक गतिशील परिवहन समाधान प्रदान करना है।इस अवसर पर श्री शलभ गोयल ने कहा, “मेरठ मेट्रो, मेरठ शहर के परिवहन परिदृश्य में क्रांति लेकर आएगी तथा लोगो के लिए कनेक्टिविटी, उत्पादकता और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाएगी। यह एक आधुनिक, विश्वसनीय और तेज ट्रांजिट सिस्टम होगा जो यात्रा के समय और भीड़-भाड़ को कम करेगा । साथ ही इससे शहर के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। एनसीआरटीसी ने यात्रियों की जरूरतों को समझते हुए यात्रियों के लिए आरामदायक और कुशल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कई विशेषताओ को इसमे समाहित किया है।
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मेक इन इंडिया दिशानिर्देशों के तहत, मेरठ मेट्रो के ट्रेनसेटों का 100 प्रतिशत निर्माण भारत में किया जा रहा हैं। मेसर्स एल्सटॉम (पूर्व में मेसर्स बॉम्बार्डियर) को विनिर्माण अनुबंध दिया गया है, जिसके तहत मेरठ मेट्रो के लिए तीन कोच वाले ट्रेनसेट बनाए जायेंगे, साथ ही इसमे 15 वर्षों तक रोलिंग स्टॉक का रखरखाव भी शामिल होगा। इन विश्व स्तरीय ट्रेनसेट का निर्माण गुजरात के सावली में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब तक पांच मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपे जा चुके हैं। मेरठ मेट्रो ट्रेन की डिज़ाइन गति 135 किमी प्रति घंटा और अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा होगी। स्टेनलेस स्टील से निर्मित, अपने आधुनिक हल्के वजन के डिज़ाइन के साथ ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल हैं और रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं। साथ ही स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) की सुविधा भी इसमे शामिल है।
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मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की यात्री-केंद्रित विशेषताएँ
- मेरठ मेट्रो के डिज़ाइन में एक बेहद आकर्षक आधुनिक सौंदर्यबोध शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
- मेरठ मेट्रो ट्रेन वातानुकूलित है, जिसमें यात्रियों के लिए लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, यूएसबी मोबाइल चार्जिंग सुविधाएं, डायनामिक रूट मैप और कई अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- मेरठ मेट्रो में तीन कोच हैं, जिनमें एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन आरामदायक कुशन वाली सीटें हैं, जो 2गुणा 2 ट्रांसवर्स (अनुप्रस्थ) और लॉन्गिट्यूडनल (अनुदैर्ध्य) रूप से व्यवस्थित हैं। ट्रेन में यात्रियों के बैठने हेतु 173 सीटें हैं और ट्रेन में कुल 700 से अधिक यात्री यात्रा कर सकते हैं।
- यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी मेट्रो स्टेशनों पर प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे, जो भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे।
- ट्रेन के सभी दरवाज़ों पर पुश बटन होंगे, जिनके माध्यम से चुनिंदा दरवाजे खोलने की सुविधा मिलेगी और इससे ऊर्जा की खपत में भी कमी आएगी।