ग्रेटर नोएडा। हाईकोर्ट ने जीटा-2 की आवासीय स्कीम आरपीएस-2 के आवंटियों को होली से पहले होली का तोहफा दिया है। प्राधिकरण ने जिस आवासीय योजना को निरस्त करके पैसा वापस करना शुरू किया था। उसमें हाईकोर्ट ने तत्काल आवंटियों को पैसा देने पर रोक लगा दी है। साथ ही ग्रेनो प्राधिकरण को आदेश दिया है कि इस मामलें में कोई तीसरा पक्ष नहीं बनाया जाए। आवंटियों ने हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद खुशी जताई है। उन्हें उम्मीद है कि अब प्राधिकरण भूखंड आवंटित करेगा।
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इस मामले में आवंटियों के वरिष्ठ वकील संजय चैधरी ने बताया कि ग्रेनो प्राधिकरण मकौड़ा गांव की जमीन पर साल-2011 में आरपीएस-2 आवासीय भूखंड स्कीम लाया था। इसमें 120 से 300 वर्गमीटर तक के 310 आवंटी थे। इसी दौरान किसान जमीन अधिग्रहण के विरोध में हाईकोर्ट चले गए। इसी का लाभ उठाते हुए प्राधिकरण ने साल-2020 में उक्त स्कीम को निरस्त कर दिया। मामले में अदालत ने आवंटियों को राहत देते हुए योजना को बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि तीन माह में उक्त आवंटियों की समस्या सुनकर दूर की जाए। उधर, प्राधिकरण ने आवंटियों को तीन साल तक लटकाए रखा और साल-2023 में एक बार फिर योजना को निरस्त कर दिया। साथ ही आवंटियों की जमा धनराशि चार फीसदी ब्याज के साथ लौटानी शुरू कर दी।
आवंटी एक बार फिर हाईकोर्ट की शरण में गए। कोर्ट ने मामले में ग्रेनो प्राधिकरण को आवंटियों के पैसे लौटाने की प्रक्रिया को तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही तीसरा कोई पक्ष नहीं बनाते हुए उक्त पर स्थगन का आदेश कर दिया है। उधर, प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि अभी उनके पास इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है। यदि ऐसा आदेश हुआ है तो उसका अध्ययन करके ही आगे कदम उठाया जाएगा। लंबे समय से आवंटी इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।