गाजियाबाद : रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) 30 सितंबर तक 2000 रुपये के नोट जमा करने की समय सीमा तय की है। इससे पहले ही शहर के बाजारों में बड़े नोट का चलन बंद हो गया है। छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों ने ग्राहकों से बड़े नोट लेना बंद कर दिया है। दुकानों में माल की आपूर्ति करने वाले सप्लायरों ने भी दुकानदारों से 2000 के नोट लेना बंद कर दिया है। इसके कारण बैंकों में बड़े नोट जमा करने के लिए लंबी लाइन लगी है।
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आरबीआई ने 19 मई को 2000 के बड़े नोटों के चलन पर 30 सितंबर के बाद प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद से ही बाजारों और गली-मोहल्लों में छोटे से लेकर बड़े दुकानदार 2000 रुपये के नोटों को लेने से इंकार कर रहे हैं। उनका तर्क है कि माल की सप्लाई करने वाली सप्लायर ही उनसे छोटे नोट ले रहे हैं और बड़े नोटों को वापस कर रहे हैं। ऐसे में अगर थोक विक्रेता ही बड़े नोटों को नहीं लेंगे तो छोटे दुकानदार इन्हें कहां खपाएंगे। शहर के विजयनगर, कैला भट्टा, चौपला मंदिर, बजरिया, किराना मार्केट, तुराब नगर आदि बाजारों में 2000 रुपये के नोट बंद हो चुके हैं। दुकानों पर केवल 500 रुपये के नोट स्वीकार किए जा रहे हैं और 2000 रुपये के नोटों को वापस किया जा रहा है। इसकी वजह से दुकानदारों और ग्राहकों में कई जगह पर झड़प भी होती हुई देखी गई। दुकानदार राहुल बंसल ने बताया कि पीछे सभी थोक विक्रेताओं ने 2000 के नोट लेने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह से उन्हें भी ग्राहकों को बड़े नोट को वापस लौटना पड़ रहा है।