Ghaziabad News:कुत्तों के खूनी आंतक का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
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Ghaziabad News:कुत्तों के खूनी आंतक का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

Ghaziabad News।  गाजियाबाद में कुत्तों के खूनी आतंक का मामला देश की सर्वोच्च अदालत में उठा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू करने की मांग कर गई है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान जजों ने देश में कुत्तों एवं अन्य आवारा पशुओं के बढ़ते हमले को लेकर चिंता जताई है। गाजियाबाद में कुत्तों के लगातार बढ़ते हमलों को लेकर शहरवासी खौफजदा हैं। उधर, शहरवासियों को कुत्तों के हमले से बचाने के लिए नगर निगम ने स्पेशल एक्शन प्लान तैयार किया है। एक्शन प्लान की जानकारी देते हुए म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि कुत्तों के स्टेरलाइजेशन (नशबंदी) का अभियान तेज कर दिया गया है। शहर में 53 स्थानों को चिन्हित करते हुए हाई रिस्क जोन बनाया गया है। जहां पर नियमित रूप से नगर निगम की टीम नजर बनाए रखेगी। शहरवासियों के साथ-साथ डॉग लवर्स को भी जागरूक किया जाएगा कि किस तरह से वह कुत्तों के आतंक से निपटने में मदद कर सकते हैं। लगभग पौने 2 करोड़ रुपये की लागत से गाजियाबाद में जल्द ही एक और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी।

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ज्ञात हो कि सोमवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में जजों को गाजियाबाद में कुत्ता काटने से रैबीज संक्रमित बच्चे के पिता की गोद में तड़पते हुए दम तोड़ने की जानकारी दी। कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील हाथों में पट्टी बांधे कोर्ट में पेश हुए।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने वकील से इसका कारण पूछा। तब वकील ने बताया कि उन पर कुत्तों ने हमला किया था। सॉलिसीटर जनरल ने गाजियाबाद में पिछले दिनों हुई 14 साल के बच्चे की मौत का मामला उठाते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा को बताया कि गाजियाबाद में कुत्ता काटने से रैबीज संक्रमित हुए बच्चे की मौत से ठीक पहले का दर्दनाक वीडियो वायरल है। वीडियों में दिखाई दे रहा है कि अपनी गोद में बच्चे को बैठाए पिता कितना असहाय है। डॉक्टर भी उनकी कोई मदद करने की स्थिति में नहीं थे। सॉलिसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देशभर में कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है लेकिन, अलग-अलग हाईकोर्ट अलग-अलग आदेश दे रहे हैं।

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जस्टिस नरसिम्हा ने इस बात पर सहमति जताई कि पूरे देश में कुत्तों और दूसरे आवारा पशुओं के हमले मामले बढ़ते जा रहे हैं।
चीफ जस्टिस ने भी कहा कि कुछ महीनों पहले उनके दफ्तर के एक लॉ क्लर्क पर कुत्तों ने कार पार्क करने के दौरान हमला कर दिया था। सॉलिसीटर जनरल ने कुत्तों के एक और खूनी हमले का उल्लेख करते हुए कोर्ट को बताया कि किस तरह कुत्तों ने नोच नोच कर एक बच्चे को जान से मार डाला था। इसके बाद कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने जजों से अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट को कुत्तों के काटने की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू करनी चाहिए।

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