Ghaziabad News: दो माह में नॉन कंफर्मिंग जोन का सर्वे पूरा होगा। इसे जीडीए ने शुरू कर दिया है। सर्वे पूरा होने के बाद यह मास्टर प्लान 2031 का हिस्सा हो सकेगा। गाजियाबाद का पहली बार जियोग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम (जीआईएस) बेस्ड केंद्रीयकृत मास्टर प्लान-2031 तैयार कराया जा रहा है। केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीएफ कंसलटेंट ने इसके तीन ड्राफ्ट तैयार किए। इसमें गाजियाबाद-डासना, लोनी और मोदीनगर-मुरादनगर का ड्राफ्ट बनाया गया, जिसे पूरा कर 2022 तक लागू करने की योजना थी। लेकिन अभी तक मोदीनगर का ड्राफ्ट को बोर्ड की मंजूरी मिल चुकी है। जबकि गाजियाबाद और लोनी का ड्राफ्ट नवंबर तक ही फाइनल हो सकेगा। गाजियाबाद और लोनी के ड्राफ्ट में नॉन कंफर्मिंग जोन का सर्वे भी शामिल होना है। जबकि यह सर्वे पूरा होने में करीब दो महीने का समय लगने की उम्मीद है। हालांकि प्राधिकरण ने सेटेलाइट और ड्रोन से सर्वे शुरू कर दिया है।
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जीडीए अधिकारियों का कहना है कि नॉन कंफर्मिंग जोन का सर्वे चल रहा है, यह दिसंबर तक ही पूरा हो सकेगा। वहीं, प्राधिकरण ने गाजियाबाद के ड्राफ्ट को फाइनल करने के लिए टीओडी पॉलिसी के तहत दुहाई स्टेशन और डिपो के लिए 26 अक्तूबर तक सुझाव और आपत्ति मांगी गई है। प्राधिकरण में आने वाली आपत्ति और सुझावों का अगले हफ्ते निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद इन्हें फाइनल ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी बताते हैं कि नॉन कंफर्मिंग जोन का सर्वे चल रहा है। हालांकि इससे पूर्व ही मास्टर प्लान तैयार हो जाएगा।
मास्टर प्लान लागू होने से यह क्षेत्र बढ़ेगा
मास्टर प्लान 2031 लागू होने से गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी क्षेत्र में करीब 130 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर उसे विकसित किया जाएगा। इस कृषि भू-उपयोग को बदलकर आवासीय, व्यवसायिक और औद्योगिक किया जाएगा। इसमें गाजियाबाद, डासना में 50 हेक्टेयर, मोदीनगर, मुरादनगर में 60 हेक्टेयर, लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदलकर आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने को शामिल किया गया है। बता दें कि जीडीए का वर्तमान दायरा 184 गांवों की 3,889 हेक्टेयर जमीन पर फैला है।