Ghaziabad नगर निगम: अवैध होर्डिंग के कारोबार पर सीएम से शिकायत, पूर्व पार्षद का आरोप करोड़ों का है गबन

गाजियाबाद। नगर निगम के पूर्व पार्षद हिमांशु मित्तल ने सुशील राघव और आकाश वशिष्ट की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारियों के सहयोग से विज्ञापन दाता फर्म मैसर्स मीडिया 24-7 शहर में अवैध विज्ञापन (होर्डिंग ) लगा  रही है।  उन्होंने कहा कि विज्ञापन दाता फर्म नगर निगम के अनुबंध के विपरीत काम कर रही है।  उन्होंने  निगम सीमा क्षेत्र में मैसर्स मीडिया 24-7 के जरिए निगम सीमा क्षेत्र में डिजिटल होर्डिंग व यूनीपोल लगाने में बड़ा घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

यह भी पढ़े : अजीब-ओ-गरीबः जो बांट रहे नशेली पदार्थ बेचने का लाईसेंस, वही चला रहे नशामुक्ति अभियान

मित्तल ने कहा कि इस खेल से भाजपा के कुछ नेता भी जुड़े हुए है। ऐसे में इस मामले को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है। विज्ञापन दाता फार्म के जरिए जिला प्रशासन एवं नगर निगम को एक बड़ी राशि की आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने विधान सभा गढ़मुक्तेश्वर से बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्ण वीर सिरोही पर भी जमकर निशाना साधा।
कहा कि निगम ने 15 मार्च 2021 को डिजिटल होर्डिंग,यूनीपोल की स्थापना कड़ी में निविदा आमंत्रित की गई थीं। 2 जुलाई 2021 को जो करार किया गया ,उसमे भी बदलाव का प्रयास किया गया। अनुबंध की शर्त 22 के अनुसार कोई भी जनहित का कार्य किया जाता है तो ऐसी स्थिति में फर्म को प्रथम अवसर प्रदान किया जाएगा। उपरोक्त शर्त फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए जोड़ी गई। पूरे प्रकरण को लेकर उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली गई और प्रकरण में अदालत को फैसला आना बाकी है।

विज्ञापन दाता फर्म पर चार करोड़ रुपए की स्टांप देयता
मित्तल ने कहा कि 21 अगस्त 2021 को सहायक स्टांप स्टाफ ने फर्म के खिलाफ करीब चार करोड़ रुपए की स्टांप देयता निकाली, जिसको लेकर फर्म ने उच्च न्यायालय की शरण ली। अदालत के जरिए फर्म की याचिका रद्द कर दी गई,लेकिन एक लंबा समय बीतने के बाद भी राजस्व विभाग स्टांप शुल्क जमा नहीं करा पाया। जिसका अर्थ है कि प्रशासन के अधिकारी सत्ता से जुड़े लोगों के दबाव को देखते हुए चुप्पी साधे हुए है।

यह भी पढ़े : खुशखबरीः यमुना प्राधिकरण के 9812 आवंटियों को मिलेगा फायदा, बोर्ड बैठक में लगी मुहर

नगर निगम की बैठक में भी उठा मामला
पूर्व पार्षद हिमांशु मित्तल ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को उन्होंने 16 अगस्त 2021 की बैठक में भी उठाया था। लेकिन मामले से जुड़ी वीडियो निगम अधिकारी अभी तक भी उपलब्ध नहीं करा पाए है। मित्तल ने खुलासा किया कि फर्म को 15 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विज्ञापन का दायित्व दिया गया,जबकि मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के जरिए सदन में यह स्वीकार किया गया कि विज्ञापन दाता फर्म के जरिए करीब 22852 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में स्ट्रक्चर लगाकर विज्ञापन किया जा रहा है।

अतिरिक्त एरिया में प्रचार करने पर डबल दर से शुल्क देय अनुबंध की शर्त
हिमांशु मित्तल ने बताया कि नगर निगम के अनुबंध की शर्त है कि अतिरिक्त एरिया में प्रचार करने पर डबल के दर से शुल्क वसूल किया जाएगा। कहा कि फर्म को एग्रीमेंट के अनुसार डिजिटल होर्डिंग एवं यूनीपोल स्थापित किए जाने थे,लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद फर्म डिजिटल होर्डिंग एवं यूनीपोल स्थापित नहीं कर पाई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि चूंकि फर्म के पक्ष में टेंडर निगम सदन एवं कार्यकारिणी को विश्वास में लिए बगैर मंजूर किया जो कि पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच को गलत दिशा में मोड़ा जा रहा है। सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के दबाव में काम किया जा रहा है।

यहां से शेयर करें