Ghaziabad:मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार,ये होंगे फायदे
1 min read

Ghaziabad:मां का दूध नवजात शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार,ये होंगे फायदे

Ghaziabad: मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार एवं हर शिशु का मौलिक अधिकार है। यह शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। मां का दूध शिशु को डायरिया,निमोनिया और कुपोषण आदि बीमारियों से भी बचाता है। यह बातें सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. भवतोष शंखधर ने कहीं।
उन्होंने कहा कि स्तनपान की महत्ता को ध्यान में रखकर प्रत्येक  वर्ष एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल की ओर से मिले दिशा निदेर्शों के क्रम में सभी चिकित्सा इकाइयों को विश्व स्तनपान सप्ताह मनाए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।

यह भी पढ़े: धरनारत किसानों का प्रतिनिधिमंडल ने ग्रेनो प्राधिकरण CEO से की वार्ता

सीएमओ ने बताया कि जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान कराया जाना जरूरी है। मां का पहला गाढ़ा-पीला दूध शिशु के लिए कुदरती टीके का काम करता है। विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान लेबर रूम में ही स्तनपान कराने पर बल दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान मां के पहले गाढ़े पीले दूध के बारे में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा और एक घंटे के भीतर कराए जाने वाले स्तनपान के फायदों के बारे में बताया जाएगा। चिकित्सा इकाइयों पर चिकित्सक, स्टाफ नर्स और एएनएम गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करेंगी और बताएंगी कि छह माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराना है। मां के दूध में बच्चे के लिए जरूरी पानी समेत तमाम पोषक तत्व मौजूद होते हैं। छह माह के बाद स्तनपान के साथ – साथ पूरक आहार देना है। कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान जरूरी है।

स्तनपान के प्रति गर्भवती महिलाओं को किया जाएगा जागरूक 
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान विशेष अभियान के तहत स्तनपान के प्रति गर्भवती और धात्री महिलाओं को जागरूक किया जाएगा। उन्हें स्तनपान से शिशु और मां को होने वाले फायदे बताए जाएंगे। स्तनपान कराने वाली माताओं को माहवारी के दौरान रक्तस्राव कम होता है। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भाशय कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है और मां एवं बच्चे के बीच भावनात्मक लगाव बढ़ जाता है। दूसरी ओर दो वर्ष तक स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं और उनका शारीरिक व मानसिक विकास अच्छा होता है। स्तनपान को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों के दौरान स्वास्थ्यकर्मी स्तनपान कराने का सही तरीका शिशु के मां से अलग रहने पर स्तनपान का तरीका और प्रबंधन के बारे में बताएंगे और साथ ही भूख लगने पर शिशु के संकेतों के बारे में भी बताएंगे।

यहां से शेयर करें