Ghaziabad: GRAP: लागू होने से जनरेटर पर पाबंदी से उद्यमी चिंतित

गाजियाबाद।  प्रदूषण पर रोकथाम के लिए एक अक्टूबर से ग्रेप लागू हो रहा है। GRAP (Graded Response Action Plan) लागू होने पर बगैर पीएनजी ईंधन वाले जनरेटर चलाने पर पूरी तरीके से पाबंदी रहेगी। इससे शहर के उद्यमी अभी से चिंतित हैं, क्योंकि बीते कुछ महीनों से औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्या बढ़ गई है।
जनपद में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों का जाल फैला है। करीब 25 हजार औद्योगिक इकाइयां संचालित है। इनमें संगठित और असंगठित क्षेत्र के लाखों कर्मचारी और श्रमिक काम करते हैं। इनमें से करीब 10 से 12 हजार इकाइयां सूक्ष्म और लघु के अलावा एक जनपद एक उत्पाद योजना के हैं। इसमें फैब्रिकेटर उद्योगों की संख्या भी पांच हजार से अधिक है। इन उद्योगों में कम क्षमता वाले जनरेटर का प्रयोग किया जाता है। खासकर बिजली गुल होने पर वर्कआर्डर पूरा करने के लिए जनरेटर का सहारा लेना पड़ता है।

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गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि जिले में गत वर्ष की तरह एक अक्टूबर से ग्रेप लागू किया जा रहा है। औद्योगिक संगठनों को सूचना दे दी गई है। ग्रेप अवधि में औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए छोटे-बड़े उद्योगों में जनरेटर चलाने पर पूरी तरीके से पाबंदी रहती है। प्रशासन एवं ग्रेप की टीम औद्योगिक क्षेत्रों में इस पर कड़ी नजर रखती है।
अरुण शर्मा ने बताया कि ग्रेप लागू होने को लेकर अभी से उद्यमी चिंतित हैं क्योंकि इससे सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों पर सबसे ज्यादा मार पड़ती है। क्योंकि उनका काम बिना जनरेटर के नहीं चल सकता। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन के महासचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि गत वर्ष की तरह इस बार भी ग्रेप अवधी लागू होने पर 100 केवीए क्षमता वाले जनरेटर के कुछ घंटे के लिए चलाने की छूट की मांग की जाएगी। क्योंकि कई औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली फाल्ट से एक से दो घंटे तक बिजली कटौती कर दी जाती है। ऐसी आपात स्थिति में जनरेटर को चलाने की छूट मिलने से छोटे उद्यमियों को काफी राहत मिलेगी।

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