Ghaziabad:महापौर सुनीता दयाल ने संभाला पदभार, बोलीं गर निगम की नव निर्वाचित नालों की सफाई, टूटे नालों का निर्माण पहली प्राथमिकता
गाजियाबाद । नव निर्वाचित मेयर सुनीता दयाल ने सोमवार दोपहर को पदभार संभाला लिया। नगर निगम में पहुंचते ही नगर आयुक्त नितिन गौड़ समेत सभी अधिकारी स्वागत में निगम के मुख्यद्वार पर पहुंचे और महापौर को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। उसके बाद नगर आयुक्त नितिन गौड़ नवनिर्वाचित महापौर सुनीता दयाल को उनके आसन तक लेकर गए। नवनिर्वाचित भाजपा पार्षद परवीन चौधरी ,मनोज त्यागी आदि महापौर के साथ रहे।
महापौर और नगर आयुक्त ने संयुक्त रूप से पहले भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उसके बात नवनिर्वाचित महापौर सुनीता दयाल ने पत्रकारों वार्ता करते हुए अपनी पहली प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि बरसात आने वाली है। 20 दिन के अंदर शहर के सभी नालों की सफाई और टूटे हुए नालों का निर्माण कराना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। उन्होंने एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि अन्य सभी जगहों पर पत्रकारों के लिए प्रेस क्लब बने है। जिनमें सभी सुविधाएं है। यहां जिले में कोई भी प्रेस क्लब नहीं है, तो पत्रकारों की सुविधा के लिए गाजियाबाद में एक प्रेस क्लब बनवाया जाएगा। यह प्रेस क्लब रेस्टोरेंट आदि की अनेक सुविधाओं से लैस होगा। इसके लिए जगह तलाशी जाएगी। पत्रकारों के कई सवालों पर उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि अभी मुझे नगर निगम की कार्यशैली को समझना है। उसके बाद में आपके सभी सवालों के उत्तर बेहतर दे सकूंगी। इसके बाद महौपौर ने नगर आयुक्त नितिन गौड़ ,चीफ इंजिनियर नरेंद्र चौधरी ,अपर नगर आयुक्त शिव पूजन यादव ,अरुण यादव ,डा.ॅ संजीव सिन्हा ,नगर स्वास्थ विभाग अधिकारी डॉ. मिथलेश ,जलकल प्रबंधक आनंद त्रिपाठी नजारत प्रभारी डॉ अनुज आदि निगम अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी से परिचय लिया और निगम की कार्यप्रणाली आदि के बारे में जानकारी ली।
नवनिर्वाचित महापौर सदन का अनुभव नहीं,राजनीतिक पारी है लम्बी
बीजेपी नेता रहीं नवनिर्वाचित महापौर सुनीता दयाल नगर निगम के लिए नई हैं और उनके लिए नगर निगम भी नयाहै। वह कभी नगर निगम गाजियाबाद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं रहीं। और न ही इससे पहले पार्षद का चुनाव जीत पार्ईं। पहली बार उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया और वह महापौर बनी हैं।नवनिर्वाचित महापौर सुनीता दयाल का राजनीतिक अनुभव काफी लंबा है, लेकिन नगर निगम में यह उनकी नई पारी है। नगर निगम की कमान संभालने के बाद अब उन्हें कई महीने नगर निगम की वर्किंग को समझने में ही लग सकते। फिर वह देखेंगी कि इसमें क्या बदलाव हो ,जिससे आम लोगों को समस्याओं से राहत मिल सके।