यह मामला पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की सख्ती का एक बड़ा उदाहरण बन गया है। 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी भुल्लर, जो पंजाब के पूर्व डीजीपी महल सिंह भुल्लर के बेटे हैं, को 16 अक्टूबर 2025 को मोहाली स्थित अपने ही ऑफिस से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी मंडी गोबिंदगढ़ के एक स्क्रैप कारोबारी आकाश बट्टा की शिकायत पर आधारित थी। बट्टा ने आरोप लगाया था कि भुल्लर ने 2023 में उनके खिलाफ दर्ज एक एफआईआर (फर्जी बिलिंग और टैक्स चोरी से जुड़ी) को रफा-दफा करने के बदले हर महीने 5 लाख रुपये की ‘सेवा-पानी’ (रिश्वत) की मांग की थी।
सीबीआई ने ट्रैप बिछाकर कार्रवाई की, जिसमें भुल्लर के बिचौलिए कृष्णु को सबसे पहले 5 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। इसके बाद भुल्लर को कॉल कर ऑफिस बुलाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धारा 7 और 13(1)(b) के तहत दर्ज किया गया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने भुल्लर के चंडीगढ़ स्थित बंगले, लुधियाना के फार्महाउस, मोहाली के ऑफिस और अन्य सात ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान जो बरामदगी हुई, वह चौंकाने वाली थी।
• 7.5 करोड़ रुपये नकद: तीन बैग और एक अटैची में भरा हुआ, जिसे गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी।
• 2.5 किलो सोने के आभूषण: मूल्य करोड़ों में।
• 26 लग्जरी घड़ियां: ब्रांडेड और महंगी।
• महंगी कारें: मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी समेत पांच लग्जरी वाहनों की चाबियां।
• अन्य सामान: 50 से अधिक अचल संपत्तियों के दस्तावेज (जिनमें 150 एकड़ जमीन शामिल), 40 लीटर आयातित शराब, हथियार (डबल बैरल बंदूक, पिस्तौल, रिवॉल्वर और एयरगन), बैंक खातों की डिटेल्स।
इन बरामदगियों ने भुल्लर के ‘काले साम्राज्य’ को बेनकाब कर दिया। जांच में पता चला कि भुल्लर का नेटवर्क देश के विभिन्न राज्यों तक फैला हुआ था, और वे रिश्तेदारों व फर्जी नामों से संपत्तियां अर्जित कर रहे थे। 29 अक्टूबर को सीबीआई ने भुल्लर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) का दूसरा केस दर्ज किया, जो 1 अगस्त से 17 अक्टूबर 2025 के बीच की संदिग्ध कमाई से जुड़ा है। चंडीगढ़ सीबीआई इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा की शिकायत पर यह केस दर्ज हुआ, और जांच अधिकारी कुलदीप सिंह को सौंपा गया।
भुल्लर ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया को दिए बयान में सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा, “मुझे फंसाया गया है। मेरे पास वह केस ही नहीं था।” हालांकि, सीबीआई के पास मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स, मैसेज और ट्रांजेक्शन प्रूफ हैं, जो उनके खिलाफ मजबूत साक्ष्य बनते हैं। शिकायतकर्ता आकाश बट्टा को पंजाब हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है, क्योंकि उन्हें जान का खतरा बताया गया।
पंजाब पुलिस ने भुल्लर को तुरंत निलंबित कर दिया। यह मामला न केवल पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करता है, बल्कि सीनियर अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है। सीबीआई की जांच जारी है, और आगामी दिनों में और खुलासे हो सकते हैं। भुल्लर फिलहाल बुड़ैल जेल में बंद हैं।

