नई दिल्ली (Fee Increase)। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी की मनमानी रोकने के लिए शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों के बैंक खाते जांचने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों के बैंक खातों का तीन साल का लेखा-जोखा जांचा जाएगा। यदि कहीं कोई गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में सवाल है कि दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रशासन लगाम क्यों नही लगा पा रहा है। सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों के फीस बढ़ोतरी के प्रस्तावों के निरीक्षण और मूल्यांकन के लिए परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) बनाई जाएगी। शैक्षणिक सत्र 2023-24 और 2024-25 के लिए यह मसौदा तैयार किया गया है। दिल्ली में लगभग 1800 से अधिक निजी स्कूलों में 462 सरकारी निकायों की जमीन पर संचालित हो रहे हैं। फीस बढ़ोतरी के लिए शिक्षा निदेशक से मंजूरी लेना जरूरी है। 262 स्कूलों से निदेशालय को फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव मिले हैं।
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वहीं, दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षक अंग्रेजी पढ़ाने और समझाने के लिए मल्टी-सेंसरी रीडिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) मंच का इस्तेमाल करेंगे। कक्षा छठी से आठवीं में इसकी शुरूआत के लिए 50 स्कूल चुने गए हैं। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी किया है। वर्तमान में अंग्रेजी पाठ्यक्रम पर आधारित रीड टू मी (मेरे लिए पढ़े) समाधान उपलब्ध होगा। इसमें मेरे लिए पढ़े स्कूल, मेरे लिए पढ़े छात्र संस्करण और मेरे लिए पढ़े शिक्षक डैशबोर्ड होगा।
इंग्लिश बोलो कार्यक्रम शिक्षकों को अंग्रेजी में निपुण बनाएगा। इसके लिए एक स्कूल से एक शिक्षक का चयन स्कूल प्रमुख करेंगे। शिक्षकों को प्रशिक्षण देने से पहले स्कूल प्रमुखों के लिए शुक्रवार को आॅनलाइन आॅरिएंटेशन होगी। उसके बाद कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं के अंग्रेजी विषय के शिक्षकों को तीन और चार नवंबर को आॅनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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तीन चरणों में जांच
टीम स्कूल के तीन साल के लेनदेन विवरण की जांच करेगी। स्कूल खाते के वित्तीय विवरण, विसंगतियों, दुरुपयोग की पहचान की जाएगी।
स्कूल में छात्रों के नामांकन और फीस का मिलान किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर भौतिक सत्यापन भी होगा।
स्कूल प्रबंधन से निष्कर्षों पर चर्चा होगी। उसके आधार पर प्रत्येक स्कूल की रिपोर्ट बनेगी। पीएमयू अन्य वित्तीय मामलों के साथ स्कूलों का निरीक्षण भी करेंगे।