नकली इंजन आॅयल फैक्ट्री का पर्दाफाश

New Delhi news   दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजधानी दिल्ली में चल रही नकली लुब्रिकेंट आॅयल बनाने वाली एक बड़ी फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। इस फैक्टरी में कैस्ट्रोल, टीवीएस और हीरो जैसे नामी कंपनी के नाम पर नकली इंजन आॅयल तैयार कर बाजार में सप्लाई किया जा रहा था। पुलिस ने छापेमारी कर भारी मात्रा में फर्जी लुब्रिकेंट आॅयल, मशीनरी और पैकिंग सामग्री जब्त की है। इसके अलावा मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त विक्रम सिंह ने शनिवार को बताया कि क्राइम ब्रांच (पूर्वी रेंज-1) की टीम ने 18 दिसंबर को कबीर नगर, दिल्ली-94 स्थित एक गोदाम पर सुनियोजित छापेमारी की। इस दौरान तीन मजदूर मौके पर नकली तेल छानने, रंग मिलाने, बोतलों में भरने और कैस्ट्रोल के फर्जी लेबल चिपकाने का काम करते मिले। छापे के दौरान गोदाम मालिक मनीष गुप्ता (41) मौके पर पहुंचा, जिसने बिना किसी लाइसेंस के अवैध फैक्ट्री चलाने की बात कबूल की। वहीं कैस्ट्रोल कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि ने मौके पर मौजूद उत्पादों की जांच कर उन्हें पूरी तरह नकली बताया।
2019 से चला रहा था फर्जी कारोबार
पूछताछ में आरोपित मनीष गुप्ता ने खुलासा किया कि वह वर्ष 2019 से नकली इंजन आॅयल तैयार कर रहा था। वह स्थानीय बाजार से बेस आॅयल और केमिकल मिलाकर हर दिन करीब 150 लीटर नकली तेल बनाता था, जिसे कैस्ट्रोल, टीवीएस और हीरो के नाम से पैक कर कम कीमत पर बाजार में बेच दिया जाता था। आरोपित पुराने और एक्सपायर्ड ब्रांडेड डिब्बों को साफ कर दोबारा इस्तेमाल करता था। फर्जी लेबल, सील और होलोग्राम तिहाड़ और आसपास के बाजारों से मंगाए जाते थे। यह नकली तेल दिल्ली के अलावा उदयपुर, श्रीनगर और सहारनपुर तक सप्लाई किया जा रहा था। जिससे आरोपित हर महीने करीब 50 हजार रुपये की कमाई करता था। वहीं पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित मनीष गुप्ता पहले भी कॉपीराइट एक्ट के तहत एक मामले में शामिल रह चुका है। फिलहाल उसके खिलाफ कॉपीराइट एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

 

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